संभल में धार्मिक स्थल पर एक और कुआं मिला |

संभल में धार्मिक स्थल पर एक और कुआं मिला

संभल में धार्मिक स्थल पर एक और कुआं मिला

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Modified Date: December 23, 2024 / 04:05 PM IST
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Published Date: December 23, 2024 4:05 pm IST

संभल, 23 दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शहजादी सराय स्थित क्षेम नाथ तीर्थ में बंद पड़ा एक कुआं मिला है, जिसमें स्वच्छ जल भी मौजूद है। एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि यह कुआं रविवार शाम मिला।

अधिकारी के मुताबिक, तीर्थ स्थल के प्रबंधन से जुड़े लोग इस कुएं को पुनर्जीवित करने के प्रयास में जुट गए हैं।

संभल की उप जिलाधिकारी (एसडीएम) वंदना मिश्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘हमें क्षेम नाथ तीर्थ में कुआं मिलने की सूचना प्राप्त हुई है। क्षेम नाथ तीर्थ के लोग इस कुएं को पुनर्जीवित करने की कोशिश रहे हैं।’

क्षेम नाथ तीर्थ के महंत बाल योगी दीनानाथ ने पत्रकारों को बताया कि यहां मौजूद एक प्राचीन कूप, जिसे वर्षों पहले ढक दिया गया था, उसे खोला गया है और उसमें लगभग आठ फुट की गहराई पर पानी मिला है।

दीनानाथ ने कहा, “इस प्राचीन कूप में स्वच्छ पानी मिलना वास्तव में दैवीय कृपा है। नीमसार तीर्थ के नाम से जाना जाने वाला क्षेम नाथ तीर्थ मशहूर नैमिषारण्य तीर्थ का उप तीर्थ है। सीतापुर जिले में स्थित नैमिषारण्य तीर्थ भारत के 68 प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है।”

दीनानाथ ने बताया, “क्षेम नाथ तीर्थ में बाबा क्षेम नाथ की समाधि है। इसे 24 कोसीय परिक्रमा का पहला पड़ाव कहा जाता है। माना जाता है कि यहां दर्शन करने वाले सभी श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी होती है।”

स्थानीय श्रद्धालुओं ने कहा, “क्षेम नाथ तीर्थ स्थित एक प्राचीन कुएं को खोला गया, तो सभी चौंक गए। कई वर्षों से बंद पड़े इस कुएं में साफ पानी मिला।”

उन्होंने बताया कि महंत दीनानाथ के नेतृत्व में सेवादारों की टीम ने आरसीसी (प्रबलित सीमेंट कंक्रीट) तोड़ी, जिसके नीचे कुआं मिला।

श्रद्धालुओं ने कहा, “अतीत में परिक्रमा करने वाले तीर्थयात्रियों को पानी उपलब्ध कराने वाला यह कुआं अपनी गहराई के कारण अक्षुण्ण था।”

संभल में चंदौसी के लक्ष्मण गंज इलाके में खुदाई के दौरान लगभग 150 साल पुरानी और 400 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली बावड़ी मिली है। चंदौसी नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी कृष्ण कुमार सोनकर ने बताया कि शनिवार को स्थल पर खुदाई शुरू हुई।

संभल में 13 दिसंबर को लगभग 46 साल से बंद भस्म शंकर मंदिर के फिर से खुलने के बाद यह खुदाई की जा रही है।

भाषा

सं आनन्द पारुल

पारुल

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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