राजकपूर की 100वीं जयंती पर अमिताभ ने कहा, ‘आवारा’ फिल्म ने उनपर अमिट छाप छोड़ी |

राजकपूर की 100वीं जयंती पर अमिताभ ने कहा, ‘आवारा’ फिल्म ने उनपर अमिट छाप छोड़ी

राजकपूर की 100वीं जयंती पर अमिताभ ने कहा, ‘आवारा’ फिल्म ने उनपर अमिट छाप छोड़ी

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Modified Date: December 15, 2024 / 01:05 PM IST
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Published Date: December 15, 2024 1:05 pm IST

(फाइल फोटो के साथ)

नयी दिल्ली, 15 दिसंबर (भाषा) अमिताभ बच्चन ने दिग्गज अभिनेता-फिल्मकार राज कपूर की 100वीं जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और 1951 में आई फिल्म ‘आवारा’ को उनकी ‘असाधारण प्रतिभा’ का एक उत्कृष्ट उदाहरण बताया। बच्चन ने कहा कि इस फिल्म ने उनपर अमिट छाप छोड़ी।

बच्चन ने कहा कि ब्लैक एंड व्हाइट (श्याम-श्वेत) फिल्म ‘आवारा’ (जिसमें नरगिस भी मुख्य भूमिका में थीं) के प्रसिद्ध स्वप्न दृश्य में ‘शक्तिशाली व रहस्यमय प्रतीकात्मकता’ उन्हें बहुत पसंद है।

यह फिल्म एक चोर राज (राज कपूर), साधन संपन्न रीता (नरगिस) और न्यायाधीश रघुनाथ (पृथ्वीराज कपूर) के जीवन पर आधारित है। रघुनाथ को यह पता नहीं होता कि राज उसका बेटा है।

राज कपूर ने “आवारा” का निर्देशन और निर्माण भी किया था जबकि पटकथा उनके सहयोगी ख्वाजा अहमद अब्बास ने लिखी थी।

बच्चन ने ‘एक्स’ पर लिखा, “आज भी ‘आवारा’ एक ऐसी फिल्म है जो मेरे जेहन में बसी हुई है। राज जी के अविश्वसनीय अभिनय की बात करें तो उन्होंने जिस तरह से फिल्म में सपने वाले दृश्य की कल्पना की थी, वह पहले कभी नहीं देखा गया था।”

उन्होंने लिखा, “आप उनकी विलक्षण कल्पनाशीलता से चकित हो जाते हैं, जिसमें उन्होंने अवास्तविक चीज का खाका खीचा है। इसकी मिसाल सपने वाले दृश्य में दिखाई देती है, जिसमें नरगिस जी बादलों सरीखे धुएं से निकलकर आती हैं, जिन्हें देखकर लगता है कि वह किसी और लोक से आई हैं जबकि राज जी राक्षसी आकृतियों और जलती हुई आग से घिरे हुए दिखाई देते हैं। यह दृश्य एक शक्तिशाली, रहस्यमय प्रतीकात्मकता को दर्शाता है और यह मेरा पसंदीदा है।’

राज कपूर यदि जीवित होते तो 14 दिसंबर को 100 वर्ष के हो गए होते।

उनकी जयंती मनाने के लिए फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन (एफएचएफ) और आरके फिल्म्स ने ‘राज कपूर 100 – सेलिब्रेटिंग द सेंटेनरी ऑफ द ग्रेटेस्ट शोमैन’ का आयोजन किया, जिसमें देश भर के 40 शहरों और 135 सिनेमाघरों में राज कपूर की 10 बेहतरीन फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा। इसका समापन रविवार को होगा।

एफएचएफ के एंबेसडर बच्चन ने अपनी पोस्ट में लिखा, “मुझे खुशी है कि फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन ने राज कपूर की विरासत को बरकरार रखने और पूरे भारत के दर्शकों को एक ऐसे कलाकार की फिल्मों को फिर से देखने का अवसर देने के लिए आरके फिल्म्स के साथ साझेदारी की, जो सिनेमा के लिए जीते थे और जिनकी फिल्मों ने आम आदमी को आवाज दी थी।’

बच्चन की बेटी श्वेता की शादी राज कपूर की बेटी रितु नंदा के बेटे निखिल से हुई है।

राज कपूर ने अपने 40 साल के शानदार करियर के दौरान ‘बरसात’, ‘श्री 420’, ‘संगम’, ‘मेरा नाम जोकर’, ‘बॉबी’ और ‘राम तेरी गंगा मैली’ जैसी फ़िल्मों का निर्देशन भी किया। 1988 में उनका निधन हो गया था।

भाषा

जोहेब प्रशांत

प्रशांत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)