अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में प्रचार के दौरान आदिवासियों को लुभाया |

अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में प्रचार के दौरान आदिवासियों को लुभाया

अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में प्रचार के दौरान आदिवासियों को लुभाया

:   Modified Date:  September 21, 2024 / 10:33 PM IST, Published Date : September 21, 2024/10:33 pm IST

थानामंडी/राजौरी, 21 सितंबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि राजौरी और पुंछ के आदिवासी जम्मू-कश्मीर के रक्षक हैं और पूरे देश को उन पर गर्व है। इसके साथ ही उन्होंने प्रतिद्वंद्वी दलों कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की इन समुदायों के साथ ‘सौतेला व्यवहार’ करने के लिए आलोचना की।

विधानसभा चुनाव में गुज्जरों, बकरवालों और पहाड़ियों से समर्थन मांगते हुए शाह ने उनसे आग्रह किया कि वे ‘पहाड़ियों को कमल (भाजपा का चुनाव चिह्न) से ढकें’ और गांधी, अब्दुल्ला और मुफ्ती की ‘राजशाही’ को समाप्त करें। उन्होंने दावा किया कि इन्होंने ने पिछले 75 वर्षों से पीर पंजाल क्षेत्र को विकास से वंचित रखा।

शाह ने शनिवार को चार रैलियों (पुंछ के मेंढर से शुरू होकर थानामंडी और राजौरी में रैली) को संबोधित करते हुए नेकां, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और कांग्रेस पर हमला किया और कहा कि तीनों पार्टियों ने जम्मू-कश्मीर में 1990 से आतंकवाद को फैलने में मदद की।

शाह ने थानामंडी और राजौरी में एक रैली में कहा, ‘‘यहां लोग कहते हैं कि सेना और सुरक्षा बल उनकी रक्षा कर रहे हैं। लेकिन जब आप गुजरात, महाराष्ट्र या बंगाल जाते हैं, तो वे कहते हैं कि गुज्जर और बकरवाल यहां देश की रक्षा कर रहे हैं।’’

आदिवासियों की प्रशंसा करते हुए शाह ने कहा, ‘‘चाहे वह 1947, 1965 या 1971 का युद्ध हो, या आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, गुज्जर और बकरवाल ने बहादुरी से लड़ा और अपने सीने पर गोलियां खाईं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में शांति लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पूरा देश उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखता है।’’

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 1947 के बाद से पाकिस्तान के साथ हर युद्ध में जम्मू-कश्मीर के सैनिकों ने भारत की रक्षा की है। उन्होंने कहा, ‘‘जब 1990 के दशक में फारूक अब्दुल्ला के सौजन्य से आतंकवाद ने प्रवेश किया, तो यह मेरे पहाड़ी, गुज्जर और बकरवाल भाई ही थे जिन्होंने बहादुरी से गोलियों का सामना किया।’’

भाजपा ने थानामंडी, बुद्धल, पुंछ, सुरनकोट और मेंढर में पांच गुज्जर उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जहां गुज्जर एक महत्वपूर्ण समुदाय है।

भाजपा की ओर से बुद्धल से दो बार के विधायक और पूर्व मंत्री जुल्फकार चौधरी, थानामंडी से वरिष्ठ नेता इकबाल मलिक और मेंढर से पूर्व विधानपार्षद मुर्तजा खान, पुंछ से चौधरी अब्दुल गनी और सुरनकोट से पूर्व मंत्री सैयद मुस्ताक बुखारी मैदान में हैं।

शाह ने कहा, ‘‘पिछले 75 वर्षों में राजौरी और पुंछ में कोई विकास नहीं हुआ है। इसके लिए कांग्रेस, नेकां और पीडीपी जिम्मेदार हैं। उन्होंने पीर पंजाल क्षेत्र को उसके उचित विकास से वंचित रखा।’’

उन्होंने फारूक अब्दुल्ला से सवाल किया कि इस क्षेत्र को दशकों तक विकास से दूर क्यों रखा गया। शाह ने कहा, ‘‘जब हमने यहां कल्याणकारी कदम उठाए, तो उन्होंने प्रचार किया कि गुज्जर आरक्षण कम कर दिया जाएगा। मैंने उन्हें आश्वासन दिया कि आरक्षण का एक प्रतिशत भी कम नहीं किया जाएगा।’’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘मोहब्बत की दुकान’ वाले बयान पर कटाक्ष करते हुए शाह ने उन पर ‘उसी दुकान से आतंक के निर्देश’ जारी करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ तब तक कोई बातचीत नहीं होगी जब तक कि वह आतंकवाद को समर्थन देना और बढ़ावा देना बंद नहीं कर देता, लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों के अपने बच्चों से बातचीत की जाएगी।

शाह ने दुनियाभर में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए दो नए शहर विकसित करने की योजना की घोषणा करते हुए क्षेत्र में पर्यटन क्षमता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी के कार्यकाल में पर्यटकों की संख्या 30 लाख से बढ़कर दो करोड़ हो गई है।’’

राजौरी में शाह ने दोहराया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर बदलाव आया है और यह आतंकवाद से शांति की ओर बढ़ रहा है।

शाह ने कहा कि मोदी जी के अथक प्रयासों के कारण आज लगभग 30,000 कश्मीरी युवा अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए विभिन्न स्तरों पर चुनाव लड़ रहे हैं।

भाषा संतोष पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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