वक्फ अधिनियम में संशोधन से मुसलमान और हाशिए पर चले जाएंगे : पारा |

वक्फ अधिनियम में संशोधन से मुसलमान और हाशिए पर चले जाएंगे : पारा

वक्फ अधिनियम में संशोधन से मुसलमान और हाशिए पर चले जाएंगे : पारा

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Modified Date: January 30, 2025 / 05:31 PM IST
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Published Date: January 30, 2025 5:31 pm IST

श्रीनगर, 30 जनवरी (भाषा) पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) नेता वहीद पारा ने बृहस्पतिवार को कहा कि वक्फ अधिनियम में संशोधन देश के मुसलमानों पर हमला है, जो अल्पसंख्यक समुदाय को और हाशिए पर धकेल सकता है।

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा से विधायक पारा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में आरोप लगाया कि भारत में मुसलमान पहले से ही सबसे हाशिए पर पड़े समुदायों में से हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि मुसलमानों को सड़कों पर पीट-पीटकर मार दिया जाता है, उनके घरों और व्यवसायों को ध्वस्त कर दिया जाता है और उनके नेताओं को जेल भेज दिया जाता है।

पारा ने कहा, ‘‘अब, वक्फ अधिनियम में भाजपा के नये संशोधन इस निरंतर हमले में एक और कदम का संकेत देते हैं, इस बार मुस्लिम धार्मिक एवं धर्मार्थ संस्थानों की नींव को निशाना बनाया गया है। सुधार की परिभाषा के तहत, ये बदलाव वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण हासिल करने का प्रयास है, जिससे मुसलमानों को हाशिए पर धकेला जा सके और उनकी संपत्तियों पर सरकार की पकड़ मजबूत हो सके।’’

उन्होंने कहा कि ये संशोधन जम्मू-कश्मीर के लिए नुकसानदायक होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘यह हमला जम्मू-कश्मीर के लिए विशेष रूप से नुकसानदायक है, जहां अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाने तथा राज्य के विभाजन के घाव अभी भी ताजा हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर के मुस्लिम नेतृत्व ने जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) के समक्ष यह स्पष्ट कर दिया है कि समुदाय इन संशोधनों को पूरी तरह से खारिज करता है। फिर भी, उनकी चिंताओं की अनदेखी की गई, जिससे पता चलता है कि लोकतांत्रिक ढंग से आम सहमति बनाने को लेकर भाजपा गंभीर नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा मस्जिदों, कब्रिस्तानों, मदरसों और अन्य धार्मिक संपत्तियों की सुरक्षा को खत्म करना चाहती है, नौकरशाहों को ऐसी किसी भी संपत्ति को गैर-वक्फ घोषित करने और उन्हें जबरन अधिग्रहण के लिए उपलब्ध कराने की अनुमति देना चाहती है।’’

पारा ने कहा कि सरकार एक साथ मुस्लिम समुदाय से उसके संस्थानों पर नियंत्रण छीन रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस विधेयक के जरिये वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल किये जाने का रास्ता प्रशस्त होता है और निर्णय लेने की शक्ति को स्वतंत्र प्राधिकारियों से राज्य द्वारा नियुक्त नौकरशाहों को सौंपता है, जिससे पूर्ण राजनीतिक नियंत्रण सुनिश्चित होता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हिंदू धार्मिक ट्रस्ट, सिख गुरुद्वारा समितियां और ईसाई संस्थाएं बिना किसी हस्तक्षेप के काम कर रही हैं। अकेले वक्फ को निशाना बनाना मुस्लिम स्व-शासन को कमजोर करने की भाजपा की एक और योजना के अलावा और कुछ नहीं है।’’

पारा ने कहा कि इस विधेयक का पारदर्शिता या दक्षता से कोई सरोकार नहीं है।

भाषा देवेंद्र रंजन

रंजन

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)