नई दिल्ली: देश में भाजपा-कांग्रेस के बीच मचे सियासी घमासान के बीच समाजवादी पार्टी को तगड़ा झटका लगा है। दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को आजम खान के बेटे और स्वार विधायक अब्दुल्ला आजम का निर्वाचन रद्द करने का फैसला सुनाया है। अब्दुल्ला पर आरोप था कि उन्होंने उम्र को लेकर निर्वाचन आयोग के समक्ष फर्जी दस्तावेज पेश किया था। मामले में बसपा बसपा उम्मीदवार रहे नवाब काजिम अली ने शिकायत दर्ज कराई थी।
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दरअसल बसपा उम्मीदवार रहे नवाब काजिम अली ने शिकायत दर्ज कराते हुए कहा था कि चुनाव के वक्त अब्दुल्ला की उम्र 25 साल नहीं हुई थी। जबकि निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार किसी भी व्यक्ति को विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए 25 साल का होना जरूरी है। नवाब काजिम ने अपने शिकायत में कहा था कि अब्दुल्ला ने फर्जी दस्तावेज पेश कर निर्वाचन आयोग को गुमराह किया है।
मामले में सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 27 सितम्बर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद जस्टिस एसपी केसरवानी ने सोमवार जस्टिस एसपी केसरवानी की बेंच ने निर्वाचन रद्द करने का फैसला सुनाया है।
बता दें कि अब्दुल्ला आजम खान उत्तर प्रदेश के स्वार सीट से साल 2017 में चुनाव लड़े थे। इस चुनाव में अब्दुल्ला ने बीजेपी उम्मीदवार लक्ष्मी सैनी को 50 हजार से ज्यादा मतों से हराया था, जबकि बीएसपी के नवाब काजिम अली तीसरे नंबर रहे थे।
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