नई दिल्ली। नवजात के पोस्टमार्टम के दौरान कर्मचारी के उस वक्त होश उड़ गए जब देखा कि शिशु की सांसें चल रही है। इसके बाद आनन-फानन में मामले की सूचना गाइनी डिपार्टमेंट को दी गई। वहीं पीजीआई में इस बड़ी लापरवाही की शिकायत मिलने के बाद मामले पर पल्ला झाड़ रहा है।
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यह मामला देश के सबसे बेहतर चिकित्सा संस्थानों में शुमार पीजीआई चंडीगढ़ का है। डॉक्टरों की इस गंभीर चूक से पीजीआई प्रशासन में हड़कंप मच गया है। पीजीआई के प्रवक्ता का कहना है कि ऐसा मामला हमारे संज्ञान में आया है, जिसकी जांच शुरू कर दी गई है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि नवजात पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ था।
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संतोष कुमार ने बताया कि पांच महीने की गर्भवती पत्नी का इलाज सेक्टर-45 की डिस्पेंसरी में चल रहा था। अल्ट्रासांउड में बच्चे में दिक्कत पाई गई। पीजीआई में जांच कराने पर पता चला कि बच्चे की रीढ़ की हड्डी में गंभीर बीमारी है। जन्म लेने के बाद वह मात्र दो से तीन साल तक ही जिंदा रह सकता है।
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पीजीआई कर्मचारी यूनियन का कहना है कि इस चूक से पोस्टमार्टम हाउस के कर्मचारी सदमे में हैं। यूनियन की मांग की है कि जिन्होंने लापरवाही की है, उन्हें सस्पेंड किया जाए।
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