जयपुर, छह जनवरी (भाषा) अजमेर दरगाह के दीवान जैनुल आबेदीन अली खान ने सूफी संत मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दरगाह पर चढ़ाने के लिए चादर भेजे जाने पर सोमवार को उनकी सराहना की है।
अली खान ने अजमेर दरगाह में सूफी नेताओं और प्रमुख दरगाहों के संरक्षकों की वार्षिक सभा को संबोधित करते हुए सांप्रदायिक तनाव के खिलाफ इस कदम को एक सकारात्मक संदेश बताया।
अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख ने टिप्पणी की कि प्रधानमंत्री का यह कदम भारत के विविध धार्मिक ताने-बाने के प्रति सम्मान का प्रतीक है और ‘‘मंदिर-मस्जिद विवादों को भड़काने के प्रयासों का प्रतिकार’’ करता है। उन्होंने कहा, ‘ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल है।…’’
सभा ने देश में शांति को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय सद्भाव बोर्ड गठित किए जाने का भी प्रस्ताव रखा। प्रधानमंत्री द्वारा भेजी चादर अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने शनिवार को चढ़ाई थी।
भाषा कुंज सिम्मी
सिम्मी
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