चेन्नई, 27 जनवरी (भाषा) तमिलनाडु के एक उपभोक्ता मंच ने एक एयरलाइन संचालक को निर्देश दिया है कि वह एक बुजुर्ग दम्पति को फ्रैंकफर्ट की उनकी यात्रा के दौरान सेवा में कमी के लिए 50,000 रुपये का मुआवजा दे।
चेन्नई दक्षिण के जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग की अध्यक्ष बी जिजा ने हाल में यह आदेश दिया। उन्होंने कहा कि चूंकि शिकायतकर्ताओं ने एयरलाइन के माध्यम से अपनी यात्रा पूरी की थी, इसलिए वे टिकट के पैसे वापस पाने के हकदार नहीं हैं।
उन्होंने लुफ्थांसा जर्मन एयरलाइंस को सेवा में कमी का दोषी ठहराते हुए मुआवजा के रूप में 50,000 रुपये तथा कानूनी लागत के लिए 5,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया।
अड्यार निवासी 68 वर्षीय जोजू डोमिनिक और उनकी पत्नी 64 वर्षीय जैस्मीन जोजू ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 35 के तहत मंच के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी। अपनी इस शिकायत में दम्पति ने मंच से मांग की थी कि एयरलाइन संचालक को चेन्नई-फ्रैंकफर्ट-वैंकूवर-फ्रैंकफर्ट-चेन्नई यात्रा के लिए टिकटों के 3,57,509 रुपये वापस करने और यात्रा के दौरान उन्हें हुई मानसिक पीड़ा के लिए मुआवजे के रूप में पांच लाख रुपये देने का निर्देश दिया जाए।
उन्होंने दावा किया कि उनकी उड़ान में डेढ़ घंटे की देरी हुई और इसलिए वे फ्रैंकफर्ट में कनेक्टिंग फ्लाइट से चूक गए। देरी का कारण विमान की सफाई था।
शिकायतकर्ताओं और साथी यात्रियों को भी असुविधा का सामना करना पड़ा क्योंकि उन्हें तब तक ‘एयरोब्रिज’ में इंतजार करना पड़ा तब तक पूरी सफाई नहीं हो गई। इसके अलावा उन्होंने बताया कि विमान में जो सीट उन्हें दी गई, वह गीली थी और उस पर पानी टपक रहा था।
डोमिनिक ने कहा कि जब उन्होंने इसकी शिकायत की तो उनसे कहा गया कि कंबल से पानी रोकें और सीट पर न बैठने पर उन्हें विमान से उतारने की धमकी दी गई।
भाषा नोमान अविनाश
अविनाश
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)