नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के परिवहन मंत्रियों को पत्र लिखकर आग्रह किया कि वे यह सुनिश्चित करें कि जीआरएपी के दूसरे चरण के प्रतिबंधों के मद्देनजर उनके राज्यों से कोई भी डीजल बस राष्ट्रीय राजधानी में न आए।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता में गिरावट के कारण ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के दूसरे चरण के प्रतिबंध सुबह आठ बजे से लागू हो गए।
राय ने कई उपायों की घोषणा की जिनमें सड़कों पर धूल को नियंत्रित करने के लिए पानी का छिड़काव बढ़ाना, धूल को कम करने वाले पदार्थों का उपयोग करना तथा यातायात की भीड़ को कम करने के लिए अतिरिक्त यातायात कर्मियों की तैनाती करना शामिल है।
राय ने अपने पत्रों में कहा कि इस वायु प्रदूषण का एक बड़ा कारण वाहनों से होने वाला उत्सर्जन है जिसकी मुख्य वजह इन राज्यों से दिल्ली पहुंचने वाली डीजल बसों की बड़ी संख्या है।
उन्होंने कहा, ‘डीजल उत्सर्जन का वायु गुणवत्ता पर प्रभाव सर्वविदित है और ऐसी बसों का बड़ी संख्या में यहां आना दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब होने का महत्वपूर्ण कारण है, जिससे निवासियों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा पैदा होता है।’
उन्होंने कहा कि दिल्ली पहले से ही खराब वायु गुणवत्ता से जूझ रही है और अंतरराज्यीय यातायात का अतिरिक्त बोझ स्थिति को और खराब कर रहा है।
राय ने कहा, ‘इसके मद्देनजर, मैं आपके कार्यालय से अनुरोध करता हूं कि वह डीजल बसों के दिल्ली में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने या उनके उत्सर्जन मानदंडों को नियंत्रित करने के लिए सख्त नियम लागू करने पर विचार करें।’
भाषा शुभम मनीषा
मनीषा
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)