नयी दिल्ली, नौ नवंबर (भाषा) चुनावी राज्य महाराष्ट्र के अकोला और नांदेड़ की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यात्रा के मद्देनजर, कांग्रेस ने पानी की कमी और अपर्याप्त रेल अवसंरचना के समाधान समेत मराठवाड़ा क्षेत्र के लिए उनकी योजना को लेकर उनसे सवाल पूछे।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘आज ‘नॉन-बायोलॉजिकल’ प्रधानमंत्री नांदेड़ और अकोला में हैं। उनसे चार सवाल हैं – जाति जनगणना और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) को आरक्षण पर उच्चतम न्यायालय द्वारा तय की गयी 50 प्रतिशत की सीमा को बढ़ाने के मुद्दे पर भाजपा का क्या रुख है?’’
उन्होंने दावा किया कि (महाराष्ट्र के) पड़ोसी राज्य तेलंगाना में कांग्रेस सरकार शनिवार को घर-घर जाकर जाति सर्वेक्षण शुरू कर रही है और उसमें 1.17 करोड़ परिवारों का सर्वेक्षण किया जाएगा।
रमेश ने सवाल किया, ‘‘इस बीच, ‘नॉन-बायोलॉजिकल’ प्रधानमंत्री विदर्भ में होंगे – जिसने देश में सामाजिक न्याय के संघर्ष में केंद्रीय भूमिका निभाई है – और जाति जनगणना और अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और ओबीसी को आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा बढ़ाने के महत्वपूर्ण मुद्दे पर वह संभवत: पूरी तरह से चुप रहेंगे। ‘नॉन-बायोलॉजिकल’ प्रधानमंत्री इतने चुप क्यों हैं? उन्हें किस बात का डर है?’’
कांग्रेस नेता ने यह भी पूछा किया कि क्या प्रधानमंत्री भाजपा के राज्यसभा सदस्य अशोक चव्हाण को जेल भेजने का अपना वादा पूरा करेंगे।
रमेश ने कहा कि 30 मार्च 2014 को नांदेड़ में चुनाव प्रचार करते हुए मोदी ने ऐलान किया था कि यदि वह प्रधानमंत्री बने तो ‘‘छह माह के अंदर’’ अशोक चव्हाण को जेल भेज देंगे।
उन्होंने कहा कि 10 साल बाद अशोक चव्हाण भाजपा में शामिल हो गये और पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया और अब उनकी बेटी भोकर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी हैं।
रमेश ने कहा, ‘‘क्या इससे यह साबित होगा कि वादे से इनकार नहीं, बल्कि उसे पूरा करने में देर हुई है – या भाजपा की वॉशिंग मशीन ने चव्हाण पर लगे कथित दाग धो दिए हैं?’’
कांग्रेस नेता ने यह भी जानना चाहा कि नांदेड़ मंडल में भारतीय रेलवे का इतना खराब प्रदर्शन क्यों रहा।
उन्होंने कहा कि मराठवाड़ा के कई क्षेत्रों को सेवाएं मुहैया करने वाले नांदेड़ मंडल में रेल अवसंरचना की मोदी सरकार द्वारा घोर उपेक्षा की गयी।
रमेश ने कहा कि दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) के आंकड़े के मुताबिक, नांदेड़ में केवल 35 किलोमीटर मार्ग का विद्युतीकरण हुआ है और केवल 83 किलोमीटर पटरियों का दोहरीकरण हुआ है।
उन्होंने कहा कि इस तरह यह विद्युतीकरण के मामले में सबसे निचले स्थान पर है और अन्य एससीआर डिवीजन की तुलना में पटरियों के दोहरीकरण के मामले में सबसे निचले स्थान से थोड़ा ही आगे है।
उन्होंने कहा, ‘‘हर चुनावी मौसम में, मोदी मराठवाड़ा आकर वोट मांगकर खुश होते हैं, लेकिन इस क्षेत्र में कभी भी ऐसी प्रगति और विकास नहीं होता, जिसकी वह बात करते हैं। नांदेड़ में महत्वपूर्ण रेलवे बुनियादी ढांचे की उपेक्षा क्यों की गई है? क्या ‘नॉन-बायोलॉजिकल’ प्रधानमंत्री के पास मराठवाड़ा क्षेत्र में विकास लाने के लिए कोई वास्तविक योजना है?’’
रमेश ने यह भी पूछा, ‘‘मराठवाड़ा में पानी की कमी को दूर करने के लिए मोदी का क्या योजना है?’’
उन्होंने दावा किया कि मराठवाड़ा में 600 से अधिक गांव और 178 बस्तियां पानी के टैंकर पर निर्भर हैं।
भाषा राजकुमार सुभाष
सुभाष
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