आईटीबीपी के लिए ‘बहुत उपयोगी’ साबित होंगे अग्निवीर: महानिदेशक |

आईटीबीपी के लिए ‘बहुत उपयोगी’ साबित होंगे अग्निवीर: महानिदेशक

आईटीबीपी के लिए ‘बहुत उपयोगी’ साबित होंगे अग्निवीर: महानिदेशक

:   Modified Date:  July 26, 2024 / 04:53 PM IST, Published Date : July 26, 2024/4:53 pm IST

नयी दिल्ली, 26 जुलाई (भाषा) भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की रक्षा के लिए तैनात आईटीबीपी के लिए अग्निवीर बहुत उपयोगी साबित होंगे। यह बात केंद्रीय बल के एक शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार को कही।

भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के महानिदेशक (डीजी) राहुल रसगोत्रा ​​ने गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में कहा कि इन ‘अच्छी तरह प्रशिक्षित और अनुशासित’ सैनिकों की भर्ती के लिए सभी तैयारियां कर ली गई हैं, जो सेना से सीमा सुरक्षा पुलिस बल में शामिल होंगे।’’

उन्होंने कहा कि जैसा कि ज्ञात है, आईटीबीपी और सेना के जवान भारत-चीन सीमा की रक्षा करते हैं और इसलिए ‘ये अच्छी तरह से प्रशिक्षित और अनुशासित अग्निवीर, सीमा सुरक्षा पुलिस बल के लिए बहुत उपयोगी साबित होंगे।’’

आईटीबीपी महानिदेशक ने कहा कि सीमा सुरक्षा पुलिस बल ‘का मानना है कि अग्निवीरों के शामिल होने से आईटीबीपी को एक नयी ऊर्जा मिलेगी और उसे उनसे लाभ होगा।’’

रसगोत्रा ​​ने कहा कि अग्निवीरों को शामिल करने के लिए आईटीबीपी के भर्ती नियमों में आवश्यक संशोधन गृह मंत्रालय द्वारा जारी किया गया है और वे आयु और शारीरिक दक्षता परीक्षण में छूट के लिए पात्र होंगे।

यह बयान ऐसे समय में आया है, जब सेना, नौसेना और वायुसेना में कर्मियों की अल्पकालिक भर्ती के लिए ‘अग्निपथ भर्ती योजना’ पर नये सिरे से चर्चा हो रही है।

सरकार ने सेना के तीनों अंगों में औसत आयु वर्ग को युवा रखने के उद्देश्य से 2022 में ‘अग्निपथ भर्ती योजना’ शुरू की थी।

इस योजना में साढ़े 17 से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को चार साल की अवधि के लिए अग्निवीर के रूप में भर्ती करने का प्रावधान है, जिसमें से 25 प्रतिशत को अगले 15 वर्षों तक बनाये रखने का प्रावधान है।

कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल इस योजना को लेकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं और सवाल उठा रहे हैं कि चार साल का कार्यकाल समाप्त होने के बाद शेष 75 प्रतिशत अग्निवीरों का क्या होगा।

लगभग 90,000 कर्मियों वाली आईटीबीपी को मुख्य रूप से चीन के साथ लगती 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की रखवाली करने के अलावा कई तरह की आंतरिक सुरक्षा ड्यूटी भी निभानी होती है।

भाषा अमित दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)