Mistake in cataract operation again
पटना, बिहार। मुजफ्फरपुर में 22 नवंबर को हुए मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद 65 में से 15 लोगों की आंख निकालनी पड़ी। मरीजों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि कई दूसरे लोगों की आंखों में भी इंफेक्शन फैल चुका है।
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22 नवंबर को मुजफ्फरपुर के आई हॉस्पिटल में 65 लोगों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन हुआ था। जिसमें ज्यादातर लोगों की आंखों में इंफेक्शन हो गया। 29 नवंबर को कुछ पीड़ित मरीजों के परिजन अस्पताल में आकर हंगामा करने लगे, फिर मीडिया में मामला सामने आया और बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया।
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इसके बाद सिविल सर्जन डॉ। विनय कुमार शर्मा ने ACMO के नेतृत्व में जांच टीम का गठन कर तीन दिनों में जाच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश जारी किया। वहीं पीड़ित मरीजों को SKMCH में इलाज कराने की व्यवस्था भी की गई।
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पूरे मामले पर सिविल सर्जन डॉ। विनय कुमार शर्मा ने बताया कि जो भी मरीज आ रहे हैं, उनके इलाज की व्यवस्था SKMCH में की गई है। अभी तक फाइनल रिपोर्ट नहीं आई है, इसलिए कोई एक आंकड़ा नहीं दिया जा सकता। डॉक्टर के मुताबिक अब तक 14 मरीज भर्ती हुए हैं जिनमें 11 मरीजों के संक्रमित आंख को ऑपरेशन कर निकाल दिया गया है, बाकी 4 मरीजों का ऑपरेशन भी जल्द कर दिया जाएगा।
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कहा जा रहा है कि SKMCH में 24 घंटे इलाज जारी है और पूरी प्राथमिकता उन मरीजों को दी जा रही है जिन्होंने मोतियाबिंद ऑपरेशन की वजह से अपनी आंखों की रोशनी गंवा दी। जिन लोगों ने अपनी आंख गंवा दी है, उनकी पूरी जिंदगी चौपट हो चुकी है।
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