‘मन की बात’ में मोदी के उल्लेख के बाद कुरियन ने लोगों से कार्थुम्बी छाते खरीदने का आग्रह किया |

‘मन की बात’ में मोदी के उल्लेख के बाद कुरियन ने लोगों से कार्थुम्बी छाते खरीदने का आग्रह किया

‘मन की बात’ में मोदी के उल्लेख के बाद कुरियन ने लोगों से कार्थुम्बी छाते खरीदने का आग्रह किया

:   Modified Date:  June 30, 2024 / 04:54 PM IST, Published Date : June 30, 2024/4:54 pm IST

कोट्टायम (केरल), 30 जून (भाषा) केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन ने रविवार को लोगों से राज्य के अट्टापडी की आदिवासी महिलाओं द्वारा बनाए जाने वाले कार्थुम्बी छाते खरीदने का आग्रह किया।

कुरियन ने यह आग्रह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ‘मन की बात’ रेडियो संबोधन में इसका उल्लेख किए जाने के तुरंत बाद कही।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि केरल की आदिवासी बहनों द्वारा बनाए गए ये रंग-बिरंगे छाते बेहद खूबसूरत होते हैं और पूरे देश में इनकी मांग बढ़ रही है।

कुरियन ने यहां अपने गृह गांव कनक्करी में एक स्थानीय निवासी के घर पर ‘मन की बात’ सुनने के बाद कहा कि मोदी द्वारा कार्थुम्बी छाते का उल्लेख किया जाना दक्षिणी राज्य के प्रति उनकी विशेष रुचि को दर्शाता है।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘कार्थुम्बी छाते अट्टापडी की हमारी आदिवासी बहनों द्वारा बनाए जाते हैं। मुझे लगता है कि सभी लोगों को हमारी आदिवासी बहनों की मदद के लिए एक छाता खरीदना चाहिए।’

‘मन की बात’ सुनने के दौरान मत्स्य पालन राज्य मंत्री कुरियन के साथ भाजपा कार्यकर्ता भी थे।

मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि इन छातों को ‘वट्टालक्की सहकारी कृषि सोसाइटी’ की देखरेख में बनाया जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘इस सोसाइटी का नेतृत्व हमारी नारी शक्ति के पास है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘महिलाओं के नेतृत्व में अट्टापडी के आदिवासी समुदाय ने उद्यमशीलता की अद्भुत मिसाल पेश की है। इस सोसाइटी ने एक ‘बैंबू-हैंडीक्राफ्ट’ यूनिट की भी स्थापना की है। अब ये लोग एक खुदरा दुकान और एक पारंपरिक कैफे खोलने की तैयारी में भी हैं।’’

मोदी ने कहा कि इनका मकसद सिर्फ अपने छाते और अन्य उत्पाद बेचना ही नहीं, बल्कि ये अपनी परंपरा, अपनी संस्कृति से भी दुनिया को परिचित करा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आज कार्थुम्बी छाते केरल के एक छोटे से गाँव से लेकर बहुराष्ट्रीय कंपनियों तक का सफर पूरा कर रहे हैं। ‘वोकल फॉर लोकल’ होने का इससे बेहतरीन उदाहरण और क्या होगा?’’

भाषा अमित नेत्रपाल

नेत्रपाल

 

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