नई दिल्लीः Adani Group reacts to Hindenburg report अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग की ओर से जारी नई रिपोर्ट को लेकर भारत में जमकर बवाल हो रहा है। दरअसल, ताजा रिपोर्ट में हिंडनबर्ग ने भारतीय शेयर बाजार नियामक सेबी की प्रमुख और उनके पति पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। रिपोर्ट में सेबी प्रमुख का नाम कथित अदाणी घोटाले से जोड़ा गया है। इस इस रिपोर्ट को लेकर अडानी समूह का भी बयान सामने आया है। अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग की ओर से लगाए गए आरोपों को खारिज किया है।
Adani Group reacts to Hindenburg report अडानी समूह ने कहा है कि सेबी चीफ माधबी पुरी बुच के साथ उसका कोई कमर्शियल कनेक्शन नहीं है, जिसका दावा हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट में जिन व्यक्तियों का या जिन मामलों का जिक्र किया गया है, उनसे कमर्शियली अडानी समूह का कोई लेना-देना नहीं है। अडानी समूह ने कहा कि उसकी कंपनियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों को वह खारिज करता है और फिर से अपनी बात को दोहराता है कि उसकी विदेशी होल्डिंग का स्ट्रक्चर पूरी तरह से पारदर्शी है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी समूह को लेकर कहा गया है कि उसने कंपनियों का जाल बुनकर फंड को इधर से उधर किया।
अडानी समूह और हिंडनबर्ग रिसर्च का मामला कोई नया नहीं है। यह आज से लगभग डेढ़ साल पहले पिछले साल जनवरी में उस समय शुरू हुआ था, जब हिंडनबर्ग ने अडानी समूह के खिलाफ अपनी पहली सनसनीखेज रिपोर्ट जारी की थी। उसमें हिंडनबर्ग ने अडानी समूह के ऊपर शेयरों के भाव चढ़ाने समेत फंड के हेर-फेर जैसे गंभीर आरोप लगाया था। साथ ही हिंडनबर्ग ने उसे कॉरपोरेट वर्ल्ड के इतिहास का सबसे बड़ा फ्रॉड करार दिया था। हिंडनबर्ग की उस रिपोर्ट से अडानी समूह को भारी नुकसान उठाना पड़ा था और उसकी कंपनियों के एमकैप में 80 बिलियन डॉलर से ज्यादा की गिरावट आई थी।