आतिशी को वांगचुक से मिलने से रोके जाने पर बवाना में आप कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन |

आतिशी को वांगचुक से मिलने से रोके जाने पर बवाना में आप कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन

आतिशी को वांगचुक से मिलने से रोके जाने पर बवाना में आप कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन

:   Modified Date:  October 1, 2024 / 06:11 PM IST, Published Date : October 1, 2024/6:11 pm IST

(फोटो के साथ)

नयी दिल्ली, एक अक्टूबर (भाषा) दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को बवाना थाने में जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक से मिलने से रोके जाने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ताओं ने उपराज्यपाल वी के सक्सेना के खिलाफ प्रदर्शन किया।

लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर दिल्ली तक मार्च कर रहे वांगचुक और करीब 120 अन्य लोगों को सोमवार रात सिंघु बॉर्डर पर हिरासत में ले लिया गया। दिल्ली पुलिस ने बवाना थाने के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी है, जहां वांगचुक को रखा गया है।

वांगचुक से मिलने की अनुमति नहीं मिलने पर मुख्यमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उपराज्यपाल पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि यह तानाशाही है।

आतिशी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में आरोप लगाया, ‘‘मैं सोनम वांगचुक जी और लद्दाख के 150 भाई-बहनों से मिलने बवाना थाने पहुंची थी। दिल्ली पुलिस ने मुझे उनसे मिलने नहीं दिया। हमें बताया गया कि उपराज्यपाल ने फोन करके मुझे उनसे न मिलने देने का आदेश दिया है। यह तानाशाही ठीक नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि वांगचुक और लद्दाख के लोग भी उपराज्यपाल के शासन के खिलाफ लड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘दिल्ली के लोग लद्दाख के लोगों के साथ खड़े हैं। लद्दाख में उपराज्यपाल का शासन समाप्त होना चाहिए। साथ ही, दिल्ली में भी उपराज्यपाल का शासन समाप्त होना चाहिए। लद्दाख और दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना चाहिए।’’

दिल्ली के उपराज्यपाल के खिलाफ बवाना थाने के बाहर आप कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने भी वांगचुक की हिरासत पर आपत्ति जताते हुए कहा, ‘‘दिल्ली किसी एक व्यक्ति की बपौती नहीं है, यहां सभी को आने का अधिकार है।’’

केजरीवाल ने कहा, ‘‘कभी किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोका जाता है, कभी लद्दाख के लोगों को रोका जाता है। क्या दिल्ली किसी की निजी संपत्ति है? दिल्ली देश की राजधानी है और हर किसी को यहां आने का अधिकार है। यह पूरी तरह से गलत है। वे निहत्थे, शांतिपूर्ण लोगों से इतना डरते क्यों हैं?’’

वांगचुक और उनके कई साथी उन थानों में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं, जहां उन्हें रखा गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, डॉक्टरों की एक टीम ने उन सभी की जांच की। वांगचुक, एक महीने पहले लेह से शुरू हुई ‘दिल्ली चलो पदयात्रा’ का नेतृत्व कर रहे हैं।

हिरासत की निंदा करते हुए आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘‘क्या सोनम वांगचुक आतंकवादी हैं? केंद्र सरकार उन्हें दिल्ली में प्रवेश करने से क्यों रोकना चाहती है?’’

पूर्व उपमुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा हर राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बदलने की कोशिश कर रही है और इसका विरोध करने वालों को जेल में डाल रही है।

भाषा आशीष नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)