शीर्ष अदालत की ‘पिंजरे में बंद तोता’ वाली टिप्पणी के बाद आप ने मांगा अमित शाह का इस्तीफा |

शीर्ष अदालत की ‘पिंजरे में बंद तोता’ वाली टिप्पणी के बाद आप ने मांगा अमित शाह का इस्तीफा

शीर्ष अदालत की ‘पिंजरे में बंद तोता’ वाली टिप्पणी के बाद आप ने मांगा अमित शाह का इस्तीफा

:   Modified Date:  September 13, 2024 / 08:07 PM IST, Published Date : September 13, 2024/8:07 pm IST

नयी दिल्ली, 13 सितंबर (भाषा) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के संबंध में शीर्ष अदालत की तीखी टिप्पणी के बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने शुक्रवार को गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की।

उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की कड़ी आलोचना की है और कहा कि इस केंद्रीय एजेंसी को ‘पिंजरे में बंद तोते’ बन जाने की धारणा दूर करना चाहिए।

उच्चतम न्यायालय ने आबकारी नीति ‘घोटाले’ के संबंध में सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी और कहा कि लंबे समय तक जेल में रखना स्वतंत्रता से अन्यायपूर्ण तरीके से वंचित करने के समान है।

दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी न केवल जांच एजेंसी के खिलाफ थी, बल्कि केंद्र सरकार के खिलाफ भी थी।

उन्होंने कहा, ‘‘केंद्रीय गृह मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि इससे उन पर सवाल उठते हैं। उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई को पिंजरे में बंद तोता कहा है।’’

उनकी मंत्रिमंडलीय सहयोगी आतिशी ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर आप नेताओं को निशाना बनाने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का ‘दुरुपयोग’ करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, ‘‘इतने सारे छापे मारे गए, लेकिन अवैध रूप से अर्जित रकम का एक पैसा भी नहीं मिला। फिर भी हमारे कई नेताओं को सलाखों के पीछे डाल दिया गया। केजरीवाल को जमानत देने का उच्चतम न्यायालय का फैसला शाह, गृह मंत्रालय, केंद्र और सीबीआई के मुंह पर तमाचा है। केजरीवाल के बाहर आने से पहले शाह को आज शाम तक इस्तीफा दे देना चाहिए।’’

आप सुप्रीमो के लिए जमानत की मंजूरी पर सहमति वाला एक पृथक फैसला लिखते हुए न्यायमूर्ति भुइयां ने सीबीआई द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी के समय पर सवाल उठाया और कहा कि एजेंसी का उद्देश्य ईडी मामले में उन्हें जमानत दिए जाने में बाधा डालना था।

हालांकि न्यायमूर्ति सूर्यकांत को सीबीआई द्वारा की गयी गिरफ्तारी में कुछ भी अवैध नजर नहीं आया।

न्यायमूर्ति भुइयां ने कहा कि सीबीआई देश की एक प्रमुख जांच एजेंसी है और यह लोगों के हित में है कि वह न केवल पारदर्शी हो, बल्कि ऐसा (पारदर्शी) प्रतीत भी हो।

न्यायमूर्ति भुइंया ने कहा कि ऐसी धारणा को दूर करने के लिए हर प्रयास किया जाना चाहिए कि जांच निष्पक्ष ढंग से नहीं किया गया और गिरफ्तारी पक्षपातपूर्ण एवं मनमाने तरीके से की गयी।

भाषा राजकुमार माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)