नई दिल्ली: भारत में वर्तमान में, 97,581 सक्रिय मामले हैं और सभी गहन चिकित्सा देखरेख में हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान कुल 3708 कोविड -19 मरीज ठीक हुए हैं। अब तक कुल 95,526 मरीज कोविड -19 से ठीक हो चुके हैं। कोविड -19 रोगियों में ठीक (रिकवरी) होने की दर 48.07% है। भारत की ठीक (रिकवरी) होने की दर बढ़ रही है और दुनिया में मृत्यु दर सबसे कम है। अभी तक, मृत्यु दर 2.82% है।
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भारत की जनसंख्या और 14 सर्वाधिक प्रभावित देशों की कुल जनसंख्या के लगभग समान है। 1 जून, 2020 की स्थिति के अनुसार, उन 14 सबसे प्रभावित देशों के कुल मामले भारत से 22.5 गुना अधिक हैं। उन 14 सर्वाधिक प्रभावित देशों में कोविड -19 के कारण हुई कुल मौतें, भारत से 55.2 गुना अधिक हैं। इन परिस्थितियों में, फोकस इस बात पर है कि मामलों की समय पर पहचान और नैदानिक प्रबंधन के माध्यम से जितना संभव हो सके, मौत कम से कम हो। मृत्यु के अपेक्षाकृत कम आंकड़ों का कारण दो प्रमुख रणनीति – समय पर मामले की पहचान और मामलों के नैदानिक प्रबंधन – हो सकती है।
यदि कोविड -19 के कारण हुई मृत्यु पर उपलब्ध आंकड़ों का विश्लेषण किया जाये, तो यह स्पस्ट होता है कि भारत में कोविड -19 के कारण हुई मौतों का 50% उस आयु वर्ग से सम्बंधित है जो भारत की जनसंख्या का केवल 10% (60 वर्ष से अधिक आयु के लोग) है। भारत में कोविड -19 के कारण हुई मौतों का 73% सह-रुग्णता वाले लोग हैं (मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय और श्वसन संबंधी बीमारियों सहित)। इसलिए, इन उच्च जोखिम समूहों को प्रभावी ढंग से सुरक्षित रखने की आवश्यकता है।
यह पुनः कहा जाता है कि उच्च जोखिम वाले रोगियों में कोविड -19 रोकने के लिए, उन्हें निम्नलिखित सहित कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए: पहले से मौजूद चिकित्सा स्थितियों (जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोगों) के मामले में चिकित्सक द्वारा दी गयी दवाएं नियमित रूप से जारी रखें; आयुष मंत्रालय द्वारा सुझाए गए प्रतिरक्षा बढ़ाने के उपाय अपनाएं जैसे हर्बल चाय पीना, ‘काढ़ा पीना’; यदि चिकित्सीय सलाह की आवश्यकता हो तो टेलीमेडिसिन (ई संजीवनी) का उपयोग करें; यदि आप कोविड -19 रोगियों के संपर्क में आए हैं, तो ऐप पर स्वयं का आकलन करें, और स्वास्थ्य की नियमित रूप से स्व-निगरानी करें। यह सलाह दी जाती है कि यदि उच्च जोखिम वाले व्यक्ति कोविड -19 लक्षण दिखाई पड़ते हैं, तो उन्हें हेल्पलाइन नंबरों के माध्यम से टेलीमेडिकल रूप से चिकित्सकीय मार्गदर्शन लेना चाहिए या डॉक्टर से मिलना चाहिए।
नागरिक भी उच्च जोखिम वाले समूह का समर्थन करने में योगदान दे सकते हैं। इसके लिए वे कुछ आसान काम कर सकते हैं, जैसे हाथ और श्वसन स्वच्छता का पालन, यदि किसी में लक्षण दिख रहा हो तो उसके साथ निकट संपर्क से बचना। दूरी रखते हुए उच्च जोखिम वाले लोगों की दैनिक कार्यों में मदद करना; लोगों और धार्मिक समारोहों के बड़े समूहों से परहेज करना आदि। जब तक बहुत आवश्यक न हो, घर पर रहने की सख्त सलाह दी जाती है। कोविड -19 पर सफलता प्राप्त करने के लिए, हम इसे एक जन आंदोलन, एक ‘जन अभियान’ बनाएं। नागरिकों से अनुरोध है कि वे #IndiaWillWin का उपयोग करें और कोविड -19 के खिलाफ लड़ने का संकल्प लें और इन तीन गतिविधियों-: जागरूकता, रोकथाम के प्रयास और समय पर उपचार में एक दूसरे को समर्थन प्रदान करें।