नयी दिल्ली, 27 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने नाबालिग का अपहरण कर उसे भीख मांगने पर मजबूर करने के आरोप में एक व्यक्ति को दोषी ठहरा दिया है।
अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि गवाहों की विश्वसनीय गवाही पर भरोसा न करने का कोई कारण नहीं है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पंकज अरोड़ा दिल्ली के न्यू मुस्तफाबाद में 10 सितंबर, 2022 को 11 वर्षीय लड़की का अपहरण करने के आरोपी अब्दुल अहद उर्फ गुड्डू के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई कर रहे थे।
अदालत ने अपने हालिया आदेश में कहा, ‘‘अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयान पर भरोसा न करने का कोई कारण नहीं है। अभियोजन पक्ष के गवाहों की गवाही स्पष्ट, ठोस, विश्वसनीय है और इस अदालत के विश्वास पर खरा उतरती है।’’
इसमें कहा गया कि ऐसा कोई संकेत नहीं मिला कि बच्ची की आरोपी से पहले कोई दुश्मनी थी और न ही आरोपी ने यह बताया कि वह किन वजहों से बच्ची के साथ आपत्तिजनक परिस्थितियों में पाया गया।
अदालत ने कहा, ‘‘अभियोजन पक्ष ने बिना किसी संदेह के सफलतापूर्वक साबित कर दिया है कि अभियुक्त ने लड़की का अपहरण किया था ताकि उसे नौकरी पर रखा जा सके या भीख मंगवाने के लिए इस्तेमाल किया जा सके।’’
इसमें कहा गया, ‘‘तदनुसार, आरोपी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 363 ए (भीख मांगने के उद्देश्य से नाबालिग का अपहरण या उसे दिव्यांग बनाना) के तहत दंडनीय अपराधों के लिए दोषी ठहराया जाता है।’’
आरोपी को सजा देने के संबंध में 25 नवंबर को अदालत में चर्चा की जाएगी।
भाषा प्रीति प्रशांत
प्रशांत
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