नई दिल्ली। Census Latest Update : देश में 2011 के बाद जनगणना की प्रक्रिया नहीं हुई है। जिसका मुद्दा लगातार सदनों में उठता रहा। वहीं अब सूत्रों के हवाले से जनगणना को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। ऐसा माना जा रहा है कि देश में अलग साल यानि 2025 से जनगणना की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। जो साल 2026 तक चलेगी। बता दें कि इस बार लोगों से धर्म, वर्ग के अलावा संप्रदाय भी पूछा जा सकता है। तो वहीं 2028 तक परिसीमन की प्रक्रिया भी पूरी हो सकती है। 2021 में जनगणना शुरू होनी थी लेकिन कोविड महामारी के कारण जनगणना को टालना पड़ा था।
कई विपक्षी दलों की तरफ से जातिगत जनगणना की मांग भी हो रही है लेकिन सरकार ने अभी इस बारे में फैसला नहीं किया है। जनगणना में धर्म और वर्ग पूछा जाता है। सामान्य, अनुसूचित जाति और जनजाति की गणना होती है। इस बार लोगों से यह भी पूछा जा सकता है कि वे किस संप्रदाय के अनुयायी है। उदाहरण के तौर पर कर्नाटक में सामान्य वर्ग में आने वाले लिंगायत स्वयं को अलग संप्रदाय के मानते हैं। इसी तरह अनुसूचित जाति में वाल्मीकि, रविदासी, जैसे अलग-अलग संप्रदाय हैं यानी धर्म, वर्ग के साथ संप्रदाय के आधार पर भी जनगणना की मांग पर सरकार विचार कर रहीं हैं।
बता दें कि अब तक हर दस साल में होने वाली जनगणना दशक के शुरुआत में होती आई थी जैसे 1991, 2001, 2011। इसी तरह जनगणना 2021 में होनी थी, लेकिन कोविड महामारी के कारण टालनी पड़ी। इसके बाद अब जनगणना का चक्र भी बदलने वाला है। अब 2025 के बाद 2035 और फिर 2045, 2055 में जनगणना होगी।
जनगणना के लिए हर घर से दो फार्म भरे जाएंगे। इसमें सबसे पहले हाउसिंग और हाउसिंग सेंसस होगा। इसमें भवन निर्माण सामग्री, घरों का उपयोग, पेयजल, उपलब्धता और शौचालय, बिजली, संपत्ति पर कब्जे आदि से संबंधित प्रश्न होंगे। इसके बाद दूसरा रूप राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर से संबंधित है। इसमें ये जानकारियां मांगी जाएंगी।
व्यक्ति का नाम
लिंग
जन्म की तारीख
जन्म स्थान
वैवाहिक स्थिति
पिता का नाम
माता का नाम
जीवनसाथी का नाम
वर्तमान पता
वर्तमान पते पर रहने की अवधि
स्थाई पता
व्यवसाय
घोषित रूप में राष्ट्रीयता
शैक्षिक योग्यता
परिवार के मुखिया से संबंध
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