देहरादून, 26 जनवरी (भाषा) उत्तराखंड में रविवार को 76वां गणतंत्र दिवस हषोल्लास के साथ मनाया गया, जहां परेड ग्राउंड में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और परेड की सलामी ली। इस दौरान, प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी वहां मौजूदे थे।
कार्यक्रम में सेना की 14वीं डोगरा रेजीमेंट, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), 40वीं वाहिनी पीएसी, उत्तराखंड होमगार्ड, प्रांतीय रक्षक दल, राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) आदि ने परेड में हिस्सा लिया।
इस मौके पर विभिन्न सरकारी विभागों ने झांकियां भी निकालीं। सूचना विभाग द्वारा प्रदेश में 28 जनवरी से होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों से संबंधित झांकी को प्रथम पुरस्कार मिला।
राज्य के लोक कलाकारों ने इस मौके पर सांस्कृतिक लोक नृत्यों जैसे छोलिया, गढ़वाली, पांडव और भांगडा का महमोहक प्रदर्शन किया, जिसका वहां उपस्थित लोगों ने खूब आनंद लिया।
राज्यपाल ने राजभवन में भी तिरंगा फहराया और प्रदेशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर मीडिया से बातचीत में राज्यपाल ने कहा कि हमने आजादी के शताब्दी वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है और हम इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि देश की विकास यात्रा में उत्तराखंड भी बढ़-चढ़कर योगदान दे रहा है।
लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सिंह ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों और प्रदेशवासियों के परिश्रम से हम न केवल आर्थिक और सामाजिक विकास के नये आयाम छू रहे हैं, बल्कि देश के अग्रणी राज्यों में शामिल होने की दिशा में भी तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रकृति ने उत्तराखंड को योग, आयुर्वेद, शहद, ‘अरोमा’ और ‘वेलनेस’ जैसे क्षेत्रों में विशेष आशीर्वाद दिया है और इन प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक संपदाओं का बेहतर इस्तेमाल करते हुए हमें इन्हें आर्थिक अवसरों में बदलने की दिशा में काम करना होगा।
मातृशक्ति और बेटियों की क्षमताओं पर गर्व करते हुए राज्यपाल ने उम्मीद जताई कि वे अपनी प्रतिभा और कौशल से संभावनाओं को अवसरों में बदलकर प्रदेश को नयी ऊंचाइयों पर ले जाएंगी।
राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पिछले राज्य स्थापना दिवस पर प्रदेशवासियों एवं यहां आने वाले पर्यटकों से किए गए नौ आग्रहों की याद दिलाते हुए कहा कि सभी प्रदेशवासी इन नौ आग्रहों को संकल्प में बदलकर एक समृद्ध और आत्मनिर्भर उत्तराखंड के निर्माण में योगदान दें।
इस मौके पर उत्तराखंड के 18 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए पदक भी प्रदान किए गए।
भाषा
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