देहरादून, 20 नवंबर (भाषा) उत्तराखंड में केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में बुधवार को 57.64 फीसदी मतदान दर्ज किया गया।
प्रदेश के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने यहां बताया कि उपचुनाव शांतिपूर्वक और पारदर्शिता के साथ संपन्न हुआ तथा शाम छह बजे मतदान का समय पूरा होने तक 57.64 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया ।
इससे पहले, सुबह आठ बजे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में मतदान शुरू हुआ था । । सुबह मतदान की गति धीमी रही लेकिन दिन बढ़ने के साथ ही इसमें तेजी आई ।
जोगदंडे ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र में 90,875 मतदाता हैं जिनमें 45,956 महिला मतदाता शामिल हैं। उपचुनाव का नतीजा 23 नवंबर को घोषित होगा ।
उन्होंने बताया कि सभी मतदान केंद्रों पर शांतिपूर्वक मतदान हुआ और कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली ।
जोगदंडे ने कहा कि मतदेय स्थलों पर तैनात लगभग सभी मतदान दल वापस आना शुरू हो गए हैं जबकि निर्वाचन आयोग से मिली अनुमति के बाद सात मतदान दल बृहस्पतिवार प्रात: लगभग नौ—दस बजे तक अगस्त्यमुनि मतगणना केंद्र में पहुंच जाएंगे।
प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी बीवीआरसी पुरूषोत्तम ने बताया कि केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के लिए 173 मतदान केंद्र बनाए गए थे जिनमें से 130 पर सीसीटीवी लगाए गए थे।
उन्होंने बताया कि इससे ‘वेबकास्टिंग’ (इंटरनेट पर सीधा प्रसारण) के जरिए लगातार मतदान केंद्रों की निगरानी जिला एवं मुख्य निर्वाचन कार्यालय और निर्वाचन आयोग से होती रही है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक शैलारानी रावत के इस वर्ष जुलाई में निधन होने के कारण केदारनाथ सीट रिक्त हो गई थी। अब सीट पर हो रहे उपचुनाव में भाजपा की आशा नौटियाल और कांग्रेस के मनोज रावत सहित कुल छह उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।
भाजपा विधायक शैलारानी रावत का इस वर्ष जुलाई में निधन होने के कारण केदारनाथ सीट पर उपचुनाव हुआ जिसके लिए भाजपा की आशा नौटियाल और कांग्रेस के मनोज रावत सहित कुल छह उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं ।
हर बार की तरह इस बार भी केदारनाथ सीट पर भाजपा और कांग्रेस में सीधा मुकाबला है। नौटियाल और रावत दोनों ही प्रत्याशी केदारनाथ विधानसभा का पूर्व में भी प्रतिनिधित्व कर चुके हैं ।
वर्ष 2017 में केदारनाथ सीट से पहली बार विधायक बने 54 वर्षीय रावत को 2022 के विधानसभा चुनावों में तीसरे स्थान पर रहना पड़ा था। नौटियाल दो बार-2002 और 2007 में केदारनाथ सीट से विधायक रह चुकी हैं जबकि 2012 में उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था । पचपन वर्षीय नौटियाल फिलहाल भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।
भाजपा के सामने जहां इस सीट को अपने कब्जे में बरकरार रखने की चुनौती है वहीं कांग्रेस बदरीनाथ के बाद एक बार फिर केदारनाथ में सत्ताधारी दल को पटखनी देने की कोशिश में है।
भाषा दीप्ति नोमान
नोमान
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