नई दिल्ली : Uttarakhand Tunnel Accident Update : उत्तरकाशी के सिलक्यारा गांव में निर्माणाधीन सुरंग धंसने के बाद उसमें करीब 41 मजदूरों के फंसे होने की घटना के आठ दिन बीत चुके हैं, लेकिन एक भी मजदूर को बाहर नहीं निकाला जा सका है। इसकी वजह से इन मजदूरों और परिजनों में मायूसी छायी हुई है। अंदर फंसे मजदूरों के हौसले टूट रहे हैं, तो दूसरी तरफ उनके सहकर्मियों और परिजनों का गुस्सा प्रशासन की विफलता पर फूट रहा है।
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Uttarakhand Tunnel Accident Update : उत्तरकाशी टनल हादसे पर सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के सचिव अनुराग जैन ने कहा कि सौभाग्य से यह दो किलो मीटर सुरंग का पूरा हिस्सा है, इस विशेष हिस्से में पानी और बिजली है। अब मुख्य चीज भोजन है, इसलिए इसके लिए यहां चार इंच की एक पाइपलाइन है जिसके माध्यम से हम कुछ सूखे मेवे भेज सकते हैं। हम सलाह के अनुसार कुछ दवाएं, अवसादरोधी और अन्य चीजें भेज रहे हैं।
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग में हुए हादसे में 41 श्रमिक फंसे हैं। कंपनी की बड़ी लापरवाही सामने आई। अब तक कंपनी ने 40 मजदूरों के फंसे होने की सूची ही प्रशासन को उपलब्ध कराई थी, लेकिन अब 41 वें श्रमिक के भी फंसे होने की बात सामने आई है।
#WATCH | Delhi: On the Uttarkashi Tunel incident, Secretary, Ministry of Road and Transport Anurag Jain says, “…Fortunately, this 2 km is a finished part of the tunnel… In this particular portion, there is water and electricity. Now the main thing is food, so for it there is… pic.twitter.com/qGYFNx1xR0
— ANI (@ANI) November 19, 2023
Uttarakhand Tunnel Accident Update : सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए अब पांच प्लान पर एक साथ काम शुरू होगा। इसमें राज्य व केंद्र की छह एजेंसियां मिलकर काम करेंगी। इन पांच प्लान में सुरंग के सिलक्यारा छोर, बड़कोट छोर और सुरंग के ऊपर और दाएं और बाएं से ड्रिलिंग कर रास्ता तैयार किया जाएगा। जिससे अंदर फंसे सभी मजदूरों को बचाया जा सके। भारत सरकार के सलाहकार भाष्कर खुल्बे ने यह जानकारी दी।
Uttarakhand Tunnel Accident Update : आपको बता दें कि दिवाली के दिन 12 नवंबर रविवार को निर्माणाधीन सुरंग भूस्खलन के बाद धंस गई थी जिसमें 41 मजदूर फंस गए हैं। यह टनल महत्वाकांक्षी चारधाम परियोजना का हिस्सा है, जो बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री तक कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए एक नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पहल का हिस्सा है। रविवार को टनल से बाहर निकालने के ऑपरेशन का 8वां दिन है लेकिन अभी तक इस्तेमाल की गई मशीनें नाकाम रहीं हैं। मलबे के ढेर को हटाया नहीं जा सका है जिसकी वजह से मजदूरों का हौसला टूट रहा है।
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