नयी दिल्ली, 11 मार्च (भाषा) केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने मंगलवार को राज्यसभा को बताया कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार, आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत धोखाधड़ी करने वाली संस्थाओं के खिलाफ 643 करोड़ रुपये के 3.56 लाख दावों को खारिज करने और 1,114 अस्पतालों को पैनल से हटाने सहित उचित कार्रवाई की गई है।
जाधव ने उच्च सदन को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि 1,504 दोषी अस्पतालों पर 122 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है और 549 अस्पतालों को निलंबित कर दिया गया है।
आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) सरकार की एक प्रमुख योजना है, जो भारत की आबादी के आर्थिक रूप से कमजोर निचले 40 प्रतिशत 12.37 करोड़ परिवारों के अनुरूप लगभग 55 करोड़ लाभार्थियों को माध्यमिक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती के लिए प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य कवर प्रदान करती है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 29 अक्टूबर, 2024 को 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को शामिल करने के लिए एबी-पीएमजेएवाई के विस्तार की घोषणा की। विस्तार के तहत, 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को ‘आयुष्मान वय वंदना कार्ड’ मिल रहा है, जिससे उन्हें स्वास्थ्य सेवा लाभ प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
‘आयुष्मान वय वंदना कार्ड’ 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति के बावजूद पांच लाख रुपये का मुफ्त स्वास्थ्य कवर प्रदान करता है।
एबी-पीएमजेएवाई के तहत पहले से ही कवर किए गए परिवारों से संबंधित वरिष्ठ नागरिकों को अपने लिए प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक का अतिरिक्त टॉप-अप कवर मिलता है। इस योजना का विस्तार 4.5 करोड़ परिवारों के छह करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को कवर करने के लिए किया गया था।
जाधव ने कहा कि एबी-पीएमजेएवाई के दुरुपयोग और दुर्व्यवहार के प्रति शून्य-सहिष्णुता की नीति अपनाई जाती है और इसके कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में योजना में होने वाली विभिन्न प्रकार की अनियमितताओं का पता लगाने, उनकी रोकथाम और निवारण के लिए विभिन्न कदम उठाए जाते हैं।
जाधव ने कहा कि धोखाधड़ी की रोकथाम के लिए एक एक मजबूत रोधी तंत्र स्थापित किया गया है और एबी-पीएमजेएवाई के तहत दुरुपयोग और दुर्व्यवहार की रोकथाम, पता लगाने और निवारण के लिए प्राथमिक जिम्मेदारी के साथ राष्ट्रीय धोखाधड़ी-रोधी इकाई (एनएएफयू) की स्थापना की गई है।
उन्होंने बताया कि एबी-पीएमजेएवाई के तहत जालसाजी, फर्जी दस्तावेजों का उपयोग तथा संबंधित लेनदेन प्रबंधन प्रणाली (टीएमएस) में ट्रिगर्स लगाए गए हैं ताकि ऐसे संदिग्ध दावों की उचित जांच की जा सके।
इसके अलावा, लाभार्थियों को केवल कार्ड के निर्माण के समय आधार ई-केवाईसी के माध्यम से सत्यापित किया जाता है और सेवाओं का लाभ उठाने के समय उन्हें आधार प्रमाणीकरण से गुजरना पड़ता है, जो दोहरे पंजीकरण और धोखाधड़ी के दावों को कम करने में मदद करता है।
जाधव ने कहा कि दुरुपयोग या दुर्व्यवहार का पता लगाने के लिए, अस्पताल के दावों की जांच करने के लिए लगभग वास्तविक समय की निगरानी और एआई-आधारित प्रणालियों का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, दावों की प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के लिए अस्पतालों में यादृच्छिक ऑडिट और औचक निरीक्षण किए जाते हैं।
स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने बताया कि एबी-पीएमजेएवाई के तहत, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तीन स्तरीय शिकायत निवारण प्रणाली लागू की गई है, जिसमें प्रत्येक स्तर पर समर्पित नोडल अधिकारी और समितियां हैं।
भाषा
मनीषा माधव
माधव
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)