नयी दिल्ली: Pensioners Used Digital Life Certificate : पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) ने बताया कि केंद्र सरकार के तीस लाख से ज्यादा पेंशनभोगियों ने डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (डीएलसी) का इस्तेमाल किया। जीवन प्रमाण पत्र जमा करना पेंशभोगियों द्वारा हर साल नवंबर के महीने में की जाने वाली एक महत्वपूर्ण गतिविधि है (80 वर्ष और उससे अधिक आयु के पेंशभोगियों के लिए अक्टूबर में अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए विशेष प्रावधान है) ताकि उनकी पेंशन जारी रह सके।
Read More : ‘मंत्रीजी’ के कार्यक्रम से निकलते ही आपस में भिड़े ‘आप’ के दो समूह, दो लोग घायल
गौरतलब है कि पारंपरिक प्रक्रिया में, पेंशभोगियों को अपने जीवन प्रमाण पत्र को भौतिक रूप से जमा करने के लिए पेंशन वितरण प्राधिकरण के समक्ष उपस्थित होना पड़ता था, जिसके लिए बैंक कतार में प्रतीक्षा करनी पड़ती थी। यह वृद्ध, बीमार पेंशनभोगियों के लिए असुविधाजनक पाया गया। इसके अतिरिक्त, पेंशनभोगियों के लिए पेंशन वितरण प्राधिकरण के रिकॉर्ड में उनके जीवन प्रमाणपत्रों के अद्यतनीकरण के संबंध में कोई तंत्र नहीं था।
केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के ‘जीवन को आसान’ बनाने के लिए, डीओपीपीडब्ल्यू बड़े पैमाने पर डीएलसी यानी ‘जीवन प्रमाण’ को बढ़ावा दे रहा है। शुरू में बायोमेट्रिक्स का उपयोग करते हुए डीएलसी जमा करना शुरू किया गया था। डीओपीपीडब्ल्यू ने इस साल केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया था। इस अभियान का उद्देश्य फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी और डीएलसी के उपयोग को बढ़ावा देना है, जिससे पारदर्शिता और उपयोग में आसानी सुनिश्चित हो सके।
Read More : बदल दिए जाएंगे ऐसे सरकारी स्कूलों के नाम, स्कूल शिक्षा मंत्री ने जारी किया आदेश
कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि केंद्र सरकार के कुल 30.34 लाख पेंशनभोगियों ने डीएलसी का सफलतापूर्वक उपयोग किया है, जिसमें 2.82 लाख डीएलसी फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के माध्यम से बनाए गए हैं।