2020 दिल्ली दंगों के आरोपी पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन ने कहा, विरोध प्रदर्शन पर चर्चा उग्रवाद नहीं

2020 दिल्ली दंगों के आरोपी पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन ने कहा, विरोध प्रदर्शन पर चर्चा उग्रवाद नहीं

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  • Publish Date - October 25, 2024 / 09:49 PM IST,
    Updated On - October 25, 2024 / 09:49 PM IST

नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर (भाषा) आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन ने शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत के समक्ष दलील दी कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पर चर्चा कोई उग्रवाद या सशस्त्र विद्रोह नहीं था।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेयी 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के पीछे “बड़ी साजिश” के मामले में हुसैन और अन्य के खिलाफ आरोप तय करने पर दलीलें सुन रहे थे।

हुसैन के वकील ने कहा कि सीएए या राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बारे में बैठक में चर्चा न तो उग्रवाद की कार्रवाई थी और न ही यह सशस्त्र विद्रोह का अपराध था।

उनके वकील ने तर्क दिया कि उन्हें बड़ी साजिश से जोड़ने के लिए कोई सबूत नहीं था और उनके खिलाफ एकमात्र सबूत सह-आरोपी का प्रकटीकरण बयान था।

वकील ने दावा किया कि खुलासे के बाद हुसैन से कोई बरामदगी नहीं की गई।

हुसैन, कार्यकर्ता शरजील इमाम और खालिद सैफ सहित बीस लोगों पर कथित तौर पर फरवरी 2020 के सांप्रदायिक दंगों के “मुख्य साजिशकर्ता” होने के लिए आतंकवाद विरोधी गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के कई प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। इन दंगों में 53 लोगों की जान चली गई और 700 से अधिक घायल हो गए।

भाषा प्रशांत माधव

माधव