नई दिल्ली: लोक चुनावों के बाद 18वीं लोकसभा का गठन हो गया है। 24 जून यानी आज से इस लोकसभा का पहला सत्र शुरू होने जा रहा है, जो 3 जुलाई तक चलेगा। इस दौरान नई सरकार से जुड़े कई अहम काम होंगे। (18th Lok Sabha 1st Session) नवनिर्वाचित सांसद शपथ लेंगे, लोकसभा का स्पीकर चुना जाएगा, बैठकें होंगी और राष्ट्रपति दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगी। तो आइए जानते हैं पहले सत्र में क्या-क्या होने वाला है।
01. प्रोटेम स्पीकर का शपथ
नई लोकसभा की पहली बैठक से पहले लोकसभा स्पीकर का पद खाली हो जाता है। ऐसी स्थिति में नए स्पीकर के चुनाव तक सदन का कामकाज संभालने के लिए प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति की जाती है। इस बार भाजपा के ओडिशा से 7 बार के सांसद भृतहरि महताब प्रोटेम स्पीकर बने हैं। हालांकि, उनके चयन पर विपक्ष ने आपत्ति भी जताई है। वे सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति भवन जाकर शपथ लेंगे।
02 सांसदों का शपथ ग्रहण
24 जून को सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिपरिषद के सदस्य शपथ लेंगे। इसके बाद अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सांसद वर्णमाला क्रम में शपथ लेंगे। इसका मतलब है कि असम के नवनिर्वाचित सांसद सबसे पहले और पश्चिम बंगाल के सांसद सबसे आखिर में शपथ लेंगे। 24 जून को 280 और 25 जून को 264 सांसदों को शपथ दिलाई जाएगी। ये सारा कामकाज प्रोटेम स्पीकर की देखरेख में होगा।
03 लोकसभा स्पीकर का चुनाव
26 जून को लोकसभा का स्पीकर चुना जाएगा। इसे लेकर टकराव हो सकता है। भाजपा चाहती है कि उसका स्पीकर बने, लेकिन बीच में ऐसी खबरें आई थीं कि उसकी सहयोगी तेलुगु देशम पार्टी (TDP) और जनता दल युनाइटेड (JDU) की नजरें भी स्पीकर पद पर हैं। हालांकि, दोनों ने खुलकर अभी कुछ नहीं कहा है। विपक्ष डिप्टी स्पीकर पद की मांग करेगा, क्योंकि ये पद विपक्ष को देने की परंपरा रही है।
04 राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अभिभाषण
27 जून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू लोकसभा और राज्यसभा में सुबह 11 बजे अभिभाषण देंगी। (18th Lok Sabha 1st Session) इसमें केंद्र सरकार के अगले 5 साल के कार्यक्रम की योजना पेश की जाएगी। इसी दिन राज्यसभा का 264वां सत्र भी शुरू होगा। 28-29 जून को अवकाश रहेगा।
05 धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा
राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद संसद के दोनों सदनों में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी। राष्ट्रीय प्रवेश सह-पात्रता परीक्षा (NEET) के कथित पेपर लीक, NET और दूसरी परीक्षाओं के रद्द होने पर विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश करेगा।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी कह चुके हैं कि वे पेपर लीक के मुद्दे को संसद में उठाएंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देंगे।
06 नए नेता प्रतिपक्ष का चयन
नियमों के तहत, नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए लोकसभा की कुल संख्या (543) का 10 प्रतिशत यानी 54 सांसद होना जरूरी है। पिछले 10 साल से किसी भी विपक्षी पार्टी के 54 सांसद नहीं जीते थे, इसलिए ये पद खाली था। इस बार कांग्रेस के 99 सांसद जीते हैं और वो सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है। माना जा रहा है कि राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष चुना जा सकता है।
गौरतलब हैं कि इस बार भाजपा के पास पूर्ण बहुमत की सरकार नहीं हैं। लोकसभा चुनाव के नतीजों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को 292 सीटें मिली हैं, जबकि विपक्षी INDIA गठबंधन के हिस्से 234 सीटें आई हैं। अन्य के खाते में 17 सीटें गई हैं। इस बार भाजपा अपने दम पर सरकार बनाने लायक सीटें नहीं जीत पाई है। ऐसे में पिछले 2 कार्यकाल की तुलना में इस बार विपक्ष मजबूत हुआ है।