हैदराबाद, 24 सितंबर (भाषा) तेलंगाना में मेडक जिले में गांव के समारोहों में ‘दप्पू’ (एक प्रकार का वाद्ययंत्र) बजाने से इनकार करने के बाद एक दलित परिवार के सदस्यों का कथित रूप से सामाजिक बहिष्कार करने पर 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
जब मडिगा समुदाय (अनुसूचित जाति) के इस परिवार ने गांव में अंतिम संस्कार के दौरान ‘दप्पू’ बजाने के अपने पारंपरिक पेशे को जारी रखने से इनकार कर दिया, तब कुछ ग्रामीणों ने कथित रूप से उसका सामाजिक बहिष्कार किया।
इस दलित परिवार के दो सदस्य स्नातकोत्तर हैं और हैदराबाद में नौकरी करते हैं। उन दोनों पर उनके ही समुदाय के कुछ लोगों समेत कुछ ग्रामीणों ने कार्यक्रमों के दौरान इस वाद्ययंत्र (दप्पू) को बजाने का दवाब डाला, लेकिन दोनों भाइयों ने ऐसा करने से मना कर दिया।
पुलिस ने कहा है कि उपा सरपंच पर इस परिवार को मकान बनाने के वास्ते मंजूरी नहीं देने तथा नल जल का कनेक्शन नहीं देने का भी आरोप लगाया गया है।
कुछ ग्रामीणों ने 10 सितंबर को बैठक की और इस परिवार का सामाजिक बहिष्कार करने का प्रस्ताव पारित किया, क्योंकि दोनों भाइयों ने अपने परिवार के पारंपरिक पेशे को जारी रखने के निर्देश का पालन करने से मना कर दिया था।
प्रस्ताव में यह चेतावनी भी दी गयी कि ‘निर्देश’ का उल्लंघन करने वालों पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
बाद में दोनों भाइयों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करायी, जिसके बाद 12 सितंबर को अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम और नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि 16 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है तथा 15 अन्य फरार लोगों की धरपकड़ की कोशिश की जा रही है।
दोनों भाइयों ने तेलंगाना उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया है। उच्च न्यायालय ने पुलिस को इस परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दिया है।
मेडक के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने सोमवार को गांव का दौरा कर सामाजिक बहिष्कार के विषय पर ग्रामीणों के साथ बैठक की तथा उन्हें परामर्श दिया।
भाषा राजकुमार दिलीप
दिलीप
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)