संभल: उत्तर प्रदेश के संभल जिले से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। दरअसल 15 की छात्रा आंचल गोस्वामी ने सोमवार को खुदकुशी कर ली है। आंचल की खुदकुशी की खबर सुनते ही पूरे गांव में हड़कंप मच गया है। वहीं, मौके से 19 पन्नों का सुसाइड नोट भी बरामद किया गया है। हैरान करने वाली बात है कि यह पत्र प्रधानमंत्री के लिए लिखा गया है। फिलहाल मामले में पुलिस कार्रवाई कर रही है।
मिली जानकारी के अनुसार मृतिका आंचल गोस्वामी ने पीएम मोदी के नाम लिखे पत्र में घर परिवार नही बल्कि देश और समाज के हालात पर चिंता जताई। आंचल ने लिखा है कि देश में कई पीएम हुए पर माननीय प्रधानमंत्री जी आप जैसा कोई नहीं। मेरे हृदय में आपके लिए अत्यधिक सम्मान है, काश मैं अपनी उम्र आपको दे पाती। आपमें संस्कार कूट-कूटकर निवास करते हैं। यह देश वर्षों से अंधेरे में था और आप पहले सूर्य बनकर उभरे हैं। प्रधानमंत्री जी मैं आपसे पर्सनल मीटिंग करना चाहती थी, परंतु यह असंभव है क्योंकि आप खुद को ही समय नहीं दे पाते हो। निरंतर देश की सेवा में लगे रहते हो। श्री राम मंदिर का शिलान्यास होने को लेकर कहा, बरसों से अधूरे पड़े कार्यों को आपने पूर्ण किया, जय श्री राम। परिस्थितियां बड़ी अनमोल होती हैं, क्योंकि कभी हमें पार लगा देती है तो कभी डुबो देती हैं। मैं निराकार अर्थात शिव के निष्काल रूप से प्रार्थना करती हूं कि भारत को मजबूत बनाएं, अमर बनाएं। भारत तो औषधि का देश है, पर अब प्रदूषित हवा हर जगह फैल रही है। प्रधानमंत्री जी… क्या आप मेरी इच्छाओं को पूर्ण कर सकेंगे।
आंचल ने लिखा कि प्रधानमंत्री आप जानते हैं कि चाइना भारत को खिलौने आदि प्लास्टिक का सामान भेजता है। वह खिलौने महीने तो दूर कुछ ही दिन चलते हैं और वह कूड़ा भारत की जमीन को और जहरीला बना देता है। लोग सड़कों पर कूड़ा फैलाते हैं तो उन पर कार्रवाई की जाए तथा उन्हें डस्टबिन उपलब्ध कराए जायें। छोटी नदियों के आधा किलोमीटर तथा बड़ी नदियों के एक किलोमीटर तक वृक्षों का रोपण करवाएं इससे बहुत अधिक फायदा होगा। आप वाटर हार्वेस्टिंग पर भी जोर दें। प्रधानमंत्री जी कई बार डाक्टर दवाओं पर अधिक पैसे लेते हैं। ऐसे डाक्टरों पर कार्रवाई होनी चाहिए। आम आदमी या मरीज का उत्पीड़न होता है। इस विषय में सहायता के लिए आप हॉस्पिटल में एक पोस्टर लगवायें। किसी का उत्पीड़न हो या ज्यादा पैसा वसूला जाये तो शिकायत कर सकें।
मेरा नाम आंचल गोस्वामी है, मुझे यह दुनिया पसंद नहीं है, क्योंकि यहां पर लोग झगड़े करते हैं। मां-बाप को वृद्ध आश्रम भेज देते हैं उनके साथ गाली-गलौज मारपीट करते हैं। लोग पेड़-पौधे अपने हितों के लिए काटते हैं। वह जानवरों पर अत्याचार करते हैं। जो लोग मांसाहार का सेवन करते हैं ऐसे लोग मुझे बुरे लगते हैं। नफरत है ऐसे लोगों से जो अपने राष्ट्रगान पर खड़े होने से कतराते हैं। देश विरोधी गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं। ऐसे लोगों को देश से निकाल देना जरूरी है।
अंत में आंचल ने लिखा..मेरा प्रधानमंत्री आपको नमन है। मैं आत्महत्या अपनी इच्छा से कर रही हूं। इसका कोई भी जिम्मेदार नहीं है, न कोई घर वाला न कोई बाहर वाला। मम्मी से माफी मांगना चाहती हूं। मम्मी पता नहीं मुझे क्या हो गया है। ऐसा लगता है कि कोई मुझे जीते हुए नहीं देखना चाहता। मैं मजबूर हूं, मेरे दिमाग ने क्या बना दिया, नर्क कर दी है मेरी जिंदगी। हां यह शरीर सिर्फ कपड़ा है जो कमजोर था… अलविदा।
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