असम: नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ देश के कई राज्यों में प्रदर्शन लगातार जारी है। इस कानून को लेकर देश की राजधानी सहित कई राज्यों में हिंसक घटनाएं भी सामने आई है। ऐतिहातन के तौर पर राज्य की सरकारों ने अपने राज्यों में धारा 144 लागू कर दिया है, वहीं कुछ जगहों पर इंटरनेट और मोबाइल सर्विसेस भी बंद हैं।
नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद असम में हिंसक घटनाएं सामने आई थी, लेकिन अब हालात सामान्य हैं। गुवाहाटी की सड़कों पर आम दिनों की तरह हलचल रही और कर्फ्यू के समय की चिंता से निकल कर सामान्य तरीके से अपने दैनिक काम काज करता जनजीवन बताता है असम अब शांत है। लेकिन अभी भी मोबाइल कनेक्टिविटी की सुविधा अभी भी बाधित है। इंटरनेट सुविधा बाधित होने से कई लोगों के रोजी रोटी पर प्रभाव दिखने लगा है। हैरान करने वाली बात यह है कि 12000 लोगों ने इंटरनेट सुविधा को लेकर खुदकुशी की धमकी दी है।
दरअसल खुदकुशी की धमकी देने वाले कोई और नहीं बल्कि कैब चालक हैं। इंटरनेट बंद होने के चलते इनकी कमाई ठप्प हो गई है। यह लोग मोबाइल एप आधारित कैब सर्विस जैसे ओला और उबर चलाते हैं। इंटरनेट सेवा के बंद किए जाने से दुखी और परेशान इन युवाओं ने इंटरनेट सेवाओं पर लगे प्रतिबंध को तुरंत हटाने की मांग को लेकर कल गुवाहाटी की सड़कों पर प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि यदि उनकी बात नहीं सुनी गई तो 12000 कैब चालकों के पक्ष में ऑल असम कैब ऑपरेटर्स यूनियन ने सरकार के इस अत्याचार के खिलाफ अपने अगले कदम में आक्रामक रवैया अख्तियार करने की धमकी दी है।
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