नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने शुक्रवार को कहा कि दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित लगभग 1,000 मरीजों का पंजीकरण उत्कृष्टता केंद्रों (सेंटर फॉर एक्सीलेंस) में हुआ है।
उन्होंने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
मंत्री का कहना था कि वित्त वर्ष 2024-25 में दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए 118.82 करोड़ रुपये और 2025-26 के लिए 299.59 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
जाधव ने कहा, ‘‘स्वास्थ्य राज्य का विषय है, स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की प्राथमिक जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है। हालांकि, भारत में दुर्लभ बीमारियों से उत्पन्न चुनौतियों को कम करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने दुर्लभ बीमारियों के लिए राष्ट्रीय नीति (एनपीआरडी), 2021 बनाई है।’’
जाधव ने कहा कि एनपीआरडी के तहत पहचाने गए 13 उत्कृष्टता केंद्रों के माध्यम से प्रति मरीज 50 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि धन आवंटन एनपीआरडी के तहत किया जाता है और दुर्लभ बीमारियों के लिए कोई राष्ट्रीय कोष नहीं है।
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