(सप्तर्षी बनर्जी)
कोलकाता, 21 दिसंबर (भाषा) उड़ान परिचालन के 100 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहा कोलकाता हवाई अड्डा महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की शाही उपस्थिति से लेकर क्यूबा के राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो जैसे विदेशी गणमान्यों के आगमन और कॉनकॉर्ड जैसे प्रतिष्ठित विमान के परिचालन का गवाह रहा है।
इंग्लैंड की महारानी के अलावा मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल नासिर, दिव्यांग लोगों के अधिकारों के लिए काम करने वालीं हेलेन केलर और बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान उन प्रमुख विदेशी गणमान्य व्यक्तियों में शामिल थे, जिनका देश के सबसे पुराने हवाई अड्डों में से एक कोलकाता हवाई अड्डे पर अलग-अलग समय पर आगमन हुआ।
यह हवाई अड्डा कुछ प्रतिष्ठित विमानों का भी गवाह रहा है, जिसमें दुनिया का पहला सुपरसोनिक वाणिज्यिक विमान ‘कॉनकॉर्ड’ और सबसे बड़ा कार्गो विमान ‘बेलुगा एक्सएल’ भी शामिल हैं। कॉनकॉर्ड ने 1994 और बेलुगा एक्सएल ने 2024 में इसके रनवे से उड़ान भरी।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (एनएससीबीआई) के शताब्दी समारोह का उत्सव मना रहा है, जिसे पहले दमदम हवाई अड्डे के रूप में जाना जाता था।
इन 100 वर्षों में, हवाई अड्डा अपने स्वयं के विकास और आधुनिकीकरण के दौर से गुजरते हुए ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह बना है।
हालांकि, हवाई अड्डे पर दुर्घटनाएं भी देखने मिली हैं। अधिकारियों के पास उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार, एक हेमीज विमान ने इंग्लैंड के ब्लैकबुश हवाई अड्डे से सिंगापुर के लिए उड़ान भरी था, जिसे कराची, दिल्ली और कलकत्ता (अब कोलकाता) में रुकना था।
कलकत्ता के तत्कालीन दमदम हवाई अड्डे के रनवे पर उतरते समय यह एक डकोटा विमान से टकरा गया, जो एक समानांतर रनवे पर खड़ा था। हेमीज विमान गलत रनवे पर उतरा था, जिससे दुर्घटना हुई।
विमान के गलत रनवे पर उतरने का यह एकमात्र उदाहरण नहीं था। दिसंबर 2008 में, बागडोगरा से कोलकाता की एक निजी एयरलाइन की उड़ान पर चालक दल के सदस्यों समेत करीब 110 लोग एक बड़ी दुर्घटना से बच गए थे, जब विमान कोलकाता हवाई अड्डे के मुख्य रनवे पर उतर गया था, जो बंद था।
फिदेल कास्त्रो सितंबर, 1973 में दम दम हवाई अड्डे पर उतरे थे जबकि मार्च, 1955 में हेलेन केलर की और फरवरी 1972 में मुजीबुर रहमान की अगवानी इस हवाई अड्डे पर की गई थी।
रसायन विज्ञान के नोबेल पुरस्कार विजेता सर रॉबर्ट रॉबिन्सन 1950 में शहर आए थे और दमदम हवाई अड्डे पर सत्येन बोस और मेगनद साहा ने उनका स्वागत किया था। इन महान वैज्ञानिकों की विधिवत तस्वीरें ली गईं, जो हवाई अड्डे के अभिलेखागार में रखी गई हैं।
भाषा शफीक धीरज
धीरज
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