रायपुर: दीपावली पर भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में भव्य रामलीला का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर देश के अलग-अलग हिस्सों के कलाकारों ने अयोध्या पहुंचकर अपनी प्रस्तुति दी। इस मौके पर भगवान श्रीराम के ननिहाल के कलाकारों ने भी अयोध्या पहुंचकर अपनी प्रस्तुति दी। सबसे अहम बात ये है कि रामलीला का मंचन महिला कलाकारों ने किया। कलाकारों की प्रस्तुति देखकर मंत्रमुग्ध हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छत्तीसगढ़ के सभी कलाकारों को सम्मानित किया।
मिली जानकारी के अनुसार बालोद जिले के बेलौदी गांव की श्री सत्य सांई रामलीला समिति ने 13 नवंबर यानि दीवाली के दिन अयोध्या में रामलीला का मंचन किया। इस समिति की 25 कलाकारों ने अयोध्या के ऐतिहासिक मंच पर प्रस्तुति देकर निश्चित ही श्रीराम के ननिहाल छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया है। बताया गया कि इस समिति के सदस्यों ने साल 2019 में भी अयोध्या में रामलीला का मंचन किया था।
श्री सत्य सांई रामलीला समिति के अध्यक्ष महंत लिखनदास ने बताया कि हमें उत्तर प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग से दीवाली के अवसर पर रामलीला के मंचन के लिए अमंत्रित किया गया था। न्योता मिलने के साथ ही संयाजक ललीत शर्मा और अध्यक्ष रामकुमार के निर्देशन में महिला कलाकारों ने तैयारी शुरू कर दी थी। इस एतिहासिक मंच पर प्रस्तुति देना निश्चित ही एक गौरव की बात थी।
उन्होंने बताया कि साल 2019 में भी हमारी समिति के पुरुष कलाकारों ने अयोध्या में प्रस्तुति दी थी, तब यहां श्रीलंका, इंडोनेशिया, फिलीपींस और मॉरिशस के कलाकारों ने भी प्रस्तुति दी थी। लेकिन हमारे पुरुष कलाकारों ने खुद से गाकर प्रस्तुति दी, जबकि अन्य देशों से आए कलाकारों ने रिकॉर्डिंग पर मंचन किया। बस यही बात थी कि हमारी प्रस्तुति को लोगों ने सराहा और इस बार ऐतिहासिक मंच पर प्रस्तुति का मौका दिया।
उन्होंने आगे कहा कि श्रीराम की भूमि में रामलीला की प्रस्तुति देना निश्चित की गौरव की बात है। महिला कलाकारों की इस प्रस्तुति को उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और राम मंदिर न्यास समिति के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास ने जमकर सराहा। साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी कलाकारों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। अयोध्या में रामलीला मंचन का न्योता देने के लिए उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ का आभार भी जताया है।
साथ ही मंडली के अध्यक्ष रामकुमार ने छत्तीसगढ़ सरकार से निवेदन किया है कि उत्तर प्रदेश सरकार की तरह छत्तीसगढ़ की सरकार के संस्कृति विभाग से सहयोग प्रदान किया जाए, ताकि हम प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर भगवान राम की जीवन लीला का बखान कर सकें।