भोपालः मध्यप्रदेश में एक बार फिर पृथक विंध्य की मांग उठी है। मैहर से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर फिर छेड़ा अलग विंध्य प्रदेश का राग, नारायण त्रिपाठी का पत्र बताता है कि उन्हें पार्टी लाइन से कोई लेना-देना नहीं है। दरअसल कुछ दिनों पहले ही प्रदेश अध्यक्ष अलग विंध्य की मांग उठाने के कारण उन्हें तलब कर चुके हैं, बावजूद इसके उन्होंने ये कदम उठाया। ऐसे में सवाल है कि नारायण त्रिपाठी विंध्य के बहाने हो रही प्रेशर पॉलिटिक्स कर रहे हैं? सवाल ये भी विकास या सियासत के लिए छिड़ा पृथक विंध्य का राग ?
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अलग विंध्य प्रदेश की मांग करने वाले बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने अब इसकी जंग तेज कर दी है। नारायण त्रिपाठी ने अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर ये मांग दोहराई है। पत्र में बीजेपी विधायक ने छोटे राज्यों के गठन के फायदे बताते हुए लिखा है कि छोटे राज्यों के निर्माण से विकास को स्वाभाविक गति मिलती है। नारायण त्रिपाठी ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि विन्ध्य प्रदेश का पहले अलग अस्तित्व था, लेकिन मध्य प्रदेश के गठन के बाद उसका विलय इसी राज्य में कर दिया गया। विंध्य क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास, प्रशासनिक सुदृढ़ता और मजबूत कानून व्यवस्था के लिए ये बेहद जरूरी है कि मध्य प्रदेश से अलग होकर एक स्वतंत्र राज्य बने। हालांकि उनकी इस मांग पर बीजेपी संगठन असमंसज में है!
विधायक नारायण त्रिपाठी समय समय पर अलग विंध्य प्रदेश की मांग उठाकर मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार के लिए मुसीबतें खड़ी करते रहे हैं। विंध्य प्रदेश को लेकर उन्होंने ये तक एलान किया था कि अलग विंध्य के लिए वो अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देंगे। पृथक विन्ध्य के लिए वो लगातार जनआंदोलन भी कर रहे है, उनके बयानों को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने नारायण त्रिपाठी को तलब भी किया था। लेकिन उनसे मिलने के कुछ घंटे बाद ही मैहर विधायक ने सतना में फिर पार्टी लाइन से अलग बयानबाजी दी थी। अलग विंध्य प्रदेश की मांग पर कांग्रेस का रुख फिलहाल साफ़ नहीं है, लेकिन विपक्ष नारायण त्रिपाठी की मांग के बहाने सत्ता पक्ष पर निशाना जरूर साध रहा है।
जाहिर है नारायण त्रिपाठी इससे पहले भी अलग विंध्य बनाने और मैहर को जिला बनाने की मांग को लेकर प्रेशर पॉलिटिक्स करते रहे हैं। साल 2018 के बाद मध्य प्रदेश में बनी कांग्रेस सरकार के दौरान उन्होंने विधानसभा में बीजेपी के खिलाफ वोट भी किया था, जिसे लेकर काफी हंगामा मचा था. नारायण त्रिपाठी विंध्य प्रदेश की मांग को लेकर विधानसभा में अशासकीय संकल्प भी ला चुके हैं। अब मैहर विधायक ने एक कदम आगे बढ़ते हुए और अपनी मांग को मजबूती देने पीएम को पत्र लिखा है। ऐसे में सवाल है कि मध्यप्रदेश फिर बंटेगा? आखिर विंध्य प्रदेश की मांग कितनी जायज है ? सवाल ये भी कि क्या पृथक विंध्य के बहाने हो रही प्रेशर पॉलिटिक्स? बहरहाल नारायण त्रिपाठी की इस मुहीम को मिल रहे जन समर्थन ने बीजेपी सरकार और संगठन को जरूर परेशानी में डाल दिया है!