रायपुर। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित इंडियन इकोनॉमिक एसोसिएशन के 102वीं एनुअल कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए। कार्यक्रम में राज्यपाल अनुसूइय्या उइके और CM भूपेश बघेल भी शामिल हुए। वहीं, देश भर के कई इकोनॉमिस्ट भी पहुंचे हुए हैं।
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उपराष्ट्रपति ने अपने उद्बोधन में कहा कि कई राज्य अपनी आर्थिक स्थिति के विपरीत घोषणाएं और वादे करते हैं। उनके पास संसाधन नहीं होते आर्थिक सबलता नहीं होती पर वो घोषणाएं कर देते हैं। इन चीज़ों को समझना पड़ेगा। यहां देश विदेश के अर्थविद पहुंचे हैं, आर्थिक विकास के मुद्दों पर चर्चा,परिचर्चा होगी। निष्कर्ष देश के आर्थिक विकास के लिए बेहतर सुझाव साबित होगा।
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उन्होंने कहा कि राज्यों को इस मुद्दे पर काम करना पड़ेगा कि लोग अपने पैर पे कैसे खड़े हो। मैं किसी राज्य की बात नहीं कर रहा सभी के लिए बोल रहा हूं। उपराष्ट्रपति ने रामाराव का उदाहरण देता हुए कहा उन्होंने महिलाओं को शक्ति दी। महिलाओं को स्किल डब्वेलोपमेंट की ट्रेनिंग दी। छ.ग में भी महिलाओं को और मजबूती मिलना चाहिए।
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राज्यों को महिलाओं के शसक्तीकरण पर काम करना चाहिए। तकनीक का इस्तेमाल करने से देश मजबूत होगी। डिजिटलीकर विकास के लिए जरूरी तकनीक के इस्तेमाल से ही विकास संभव है। वहीं, लोगों को लाइन में खड़े होने की बजाए ऑनलाइन सिस्टम का उपयोग करना चाहिए। हमारे देश में करीब 65 प्रतिशत युवा है। यह हमारे राज्य की शक्ति है साथ ही चैलेंज भी उन्हें मौका देना जरूरी।
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उपराष्ट्रपति ने केंद्र और राज्य सरकार के बीच समन्वय बनाने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि दोनों के बीच समन्वय से देश के साथ प्रदेश की उन्नति सम्भव है। वहीं जीएसटी के बारे में उपराष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया मे जहां जाता हूं, लोग GST के बारे में पूछते हैं। पश्चिमी देश अपने यहां GST लागू करना चाहते हैं। प्रदेशो को इसका महत्व समझना चाहिए।
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उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि कॉन्फ्रेंस में होने वाली परिचर्चा से महत्वपूर्ण बातें निकलेंगी। नकारात्मक और सकरात्मक पक्ष दोनों देखना जरूरी। क्षेत्रीय आर्थिक सामाजिक भिन्नता है। हर क्षेत्र का व्यक्ति सोचे देश को आर्थिक रूप से कैसे मजबूत किया जा सके। बता दें कि पं रविशंकर विवि के स्कूल ऑफ स्टडीज इन एकोमोनिक्स ने कांफ्रेंस आयोजन किया है। जिसमें देशभर के कई इकोनॉमिस्ट पहुंचे हुए है।