धमतरी । जिले के निकाय चुनाव के फाइनल परिणाम आ गए हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों को स्पष्ट जनादेश नहीं मिला है। धमतरी नगर निगम में सत्ता अब निर्दलियों की मर्जी से बनेगी। इधर एक बागी ने कांग्रेस के सामने समर्थन के बदले कठिन शर्त रख दी है।
ये भी पढ़ें- नगरीय निकाय चुनाव 2019- भानुप्रतापपुर-अंतागढ़ के परिणाम घोषित, देखें…
धमतरी जिले में एक नगर निगम और 5 नगर पंचायतों सहित कुल 6 निकाय हैं। इनमें से 3 पंचायतो में भाजपा जीती है तो दो पर कांग्रेस का कब्जा हुआ है। भाजपा की सबसे बुरी हार पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के गृह नगर कुरूद में हुई है, जहां 15 वार्ड में से सिर्फ एक में ही भाजपा जीती है। 2 वार्डो में निर्दलीय और 12 में कांग्रेस जीती ह। धमतरी नगर निगम के 40 वार्डो में 18 में कांग्रेस जीती है, 17 में भाजपा जीती है। पांच निर्दलीय पार्षद जीत कर आए हैं। बहुमत के लिये 21 सीटो का आंकड़ा है जो किसी के पास नहीं है। ऐसे में निर्दलीय के समर्थन से ही सत्ता तक पहुंचा जा सकता है। बागियों में 2 भाजपा के हैं और दो कांग्रेस के हैं, पांचवा निर्दलीय का मत अभी स्पष्ट नहीं है।
ये भी पढ़ें- निकाय चुनाव परिणाम: महापौर प्रमोद दुबे को मिली निर्णायक बढ़त, कार्य…
निर्दलीय ने आगे की योजना के बारे में पूछने पर कहा कि वो अपने वार्ड की जनता से चर्चा कर के ही कोई निर्णय लेंगे। लेकिन कांग्रेस के एक बागी पार्षद ने समर्थन के बदले शर्त रख दी है। बागी रूपेश राजपूत ने साफ कहा है कि हाल में जितने कांग्रेसियों को पार्टी से निकाला गया है, उन्हें वापस लिया जाए तभी वो कांग्रेस को समर्थन देंगे। ऐसी स्थित में ये अभी कह पाना मुश्किल है कि धमतरी की सत्ता में 135 साल का इतिहास दोहराते हुए भाजपा लौटेगी या इतिहास बदल कर कांग्रेस सत्ता में काबिज हो जाएगी।