लघु वनोपजों के प्रसंस्करण की इकाइयां बढ़ाई जाएं : सीएम भूपेश बघेल, दंतेवाड़ा की तरह अन्य जिलों में किया जाए सफेद अमचूर का उत्पादन | Units for processing minor forest produce should be increased: CM Bhupesh Baghel

लघु वनोपजों के प्रसंस्करण की इकाइयां बढ़ाई जाएं : सीएम भूपेश बघेल, दंतेवाड़ा की तरह अन्य जिलों में किया जाए सफेद अमचूर का उत्पादन

लघु वनोपजों के प्रसंस्करण की इकाइयां बढ़ाई जाएं : सीएम भूपेश बघेल, दंतेवाड़ा की तरह अन्य जिलों में किया जाए सफेद अमचूर का उत्पादन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:26 PM IST, Published Date : June 26, 2021/4:41 pm IST

   रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लघु वनोपजों का काम कर रही स्व-सहायता समूहों की आय में वृद्धि के लिए लघु वनोपजों पर आधारित प्रसंस्करण इकाइयों की अधिक से अधिक संख्या में स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। सीएम बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक में कहा कि छत्तीसगढ़ में प्रचुर मात्रा में बहुमूल्य लघु वनोपजों के साथ प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए मानव संसाधन, भूमि भी उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में कई जिलों में अच्छा काम हुआ है। दंतेवाड़ा में सफेद अमचूर का उत्पादन किया जा रहा है, जिसकी बिक्री 600 रु प्रति किलो की दर पर की जा रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में आम की अच्छी फसल होती है, अन्य जिलों में भी सफेद अमचूर के उत्पादों को बढ़ावा दिया जा सकता है। प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना से लोगों को रोजगार मिलेगा और उनकी आमदनी बढ़ेगी।

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    बैठक में जानकारी दी गई कि लघु वनोपजों के प्राथमिक प्रसंस्करण हेतु राज्य में 139 वन धन विभाग केन्द्र स्थापित किए गए हैं। प्रसंस्करण कार्य में 1324 समूहों के अंतर्गत 17 हजार 424 महिलाएं काम कर रही है। लघु वनोपजों के प्राथमिक प्रसंस्करण से महिला स्व-सहायता समूहों को लगभग एक करोड़ 91 लाख रूपए की आमदनी हुई है। इमली के प्राथमिक प्रसंस्करण कार्य में लगे 21 हजार 582 हितग्राहियों को 2 करोड़ 69 लाख रूपए का वितरण किया जा चुका है। वर्ष 2020-21 में 7 करोड़ 36 लाख रूपए के 120 प्रकार के हर्बल उत्पाद तैयार की गई है। वर्ष 2020-21 में छत्तीसगढ़ हर्बल ब्रांड के नाम सवा करोड़ रूपए के हर्बल उत्पादों का विक्रय किया गया। ट्राइबल फूड पार्क- ट्रायफूड योजना के अंतर्गत कवर्धा जिले में शहद प्रसंस्करण तथा सूरजपुर में कटहल प्रसंस्करण केन्द्र की स्थापना के प्रयास किए जा रहे हैं।

    बैठक में दुर्ग जिले के पाटन में लघु वनोपजों के स्थापित की जा रही केन्द्रीय प्रसंस्करण इकाई के संबंध में जानकारी दी गई कि पाटन में वनौषधियों के प्रसंस्करण, इमली के प्रसंस्करण के लिए इंटीग्रेटेड इकाई, जामुन, बेल, आंवला से जूस तैयार करने की इकाई, बटन लाख के उत्पादन के लिए प्लांट और परफ्यूम इंडस्ट्रीज में उपयोग में लाई जाने वाली हर्बल एक्सट्रेट तैयार करने की इकाई स्थापित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों से कहा कि बांस से ट्री-गार्ड का निर्माण स्व-सहायता समूहों के माध्यम से कराया जाए। इससे काफी लोगों को रोजगार के अवसर मिलते हैं।

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कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री  मोहम्मद अकबर, संसदीय सचिव  शिशुपाल शोरी, मुख्य सचिव  अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव  सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव वन  मनोज कुमार पिंगुआ, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ एम. गीता, प्रधान मुख्य वन संरक्षक  राकेश चतुर्वेदी, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, विशेष सचिव कृषि डॉ. एस. भारतीदासन, संचालक कृषि  यशवंत कुमार, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एस. के. पाटिल बैठक में उपस्थित थे।