दूसरी क्लास तक पढ़ाई करने वाले इस शख्स ने तैयार​ किया ऑटोमेटिक सैनेटाइज मशीन, लागत आई डेढ़ लाख रुपए | This person, who studied up to the second grade, prepared an automatic sanitation machine

दूसरी क्लास तक पढ़ाई करने वाले इस शख्स ने तैयार​ किया ऑटोमेटिक सैनेटाइज मशीन, लागत आई डेढ़ लाख रुपए

दूसरी क्लास तक पढ़ाई करने वाले इस शख्स ने तैयार​ किया ऑटोमेटिक सैनेटाइज मशीन, लागत आई डेढ़ लाख रुपए

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:26 PM IST
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Published Date: April 5, 2020 12:20 pm IST

मंदसौर। जहां चाह वहां राह यह जुमला तो आपने कई बार सुना होगा, लेकिन ऐसा ही कुछ कर दिखाया है मंदसौर शहर के समाजसेवी नहारु भाईजान ने। खास बात यह है कि नहारु भाई महज दूसरी कक्षा तक पढ़ाई की है। वहीं पेशे से वह मैकेनिक है। लेकिन उनका ये आविष्कार ही कमाल है। 

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दरअसल कोरोना वायरस के इस जंग में नाहरू भाई ने एक ऑटोमेटिक सैनेटाइज मशीन बनाया है। इस मशीन की खासियत यह है कि इससे गुजरने वाला हर शख्स खुद-ब-खुद सैनिटाइज हो जाएगा। मशीन को बनाने में करीब डेढ़ लाख की लागत आई है। इसे नाहरू भाई ने खुद अपने वर्कशॉप में बनाया है।

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अब इस सेनेटाइजर मशीन जिला अस्पताल को डोनेट किया जाएगा। जहां अस्पताल में अनजाने वाले मरीज और डॉक्टर इस सेनेटाइज मशीन के भीतर से निकलते हुए ऑटोमेटिक सेनेटाइज हो जाएंगे। इस मशीन को बनाने का मकसद अस्पताल में मरीजों और डॉक्टरों को संक्रमण से बचाना है।

जहां देशभर में कोरोना वायरस जैसी महामारी को लेकर हिंदू मुस्लिम विवाद में उलझा है। वहीं मन्दसौर के नाहरू भाई देश की प्रति अपनी जिम्मेदारी और सेवा की मिसाल पेश कर रहे हैं। नाहरू भाई केवल दूसरी कक्षा तक पढ़े लिखे है। अशिक्षित होने बावजूद तकनीकी के मास्टरमाइंड कहे जाने वाले नाहरू भाई इन दिनों कोरोनो और लॉक डाउन के बीच सुबह शाम खुद के खर्च पर गरीब बस्तियों में भोजन पहुचा रहे हैं।

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नाहरू भाई अब तक कई तरह की मशीनें इजात चुके है। खुद की तकनीक से बनाए डीजी सेट जिला अस्पताल और भगवान पशुपतिनाथ मंदिर समिति को डोनेट कर चुके है। नाहरू भाई (मेकेनिक) समाजसेवी (येलो मास्क ) ट्रांस ने कहा कि अभी जो महामारी चल रही है उसी के हिसाब से ये मशीन बनाई है। मैंने इस पैसे के हिसाब से नहीं बनाई। इसे हॉस्पिटल में दान देना है ताकि लोग और हमारे डॉक्टर संक्रमित ना हो पाए।

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