भोपाल। चार आईएएस अधिकारियों की कमेटी ने प्रमोशन में रिजर्वेशन से जुड़ी अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। इसमें दो विकल्प बताए गए हैं, जिनसे प्रमोशन का रास्ता खुल सकता है। ये विकल्प सामान्य पद पर आरक्षित श्रेणी के व्यक्ति के जाने व उसी रास्ते आगे की सर्विस पूरी करने के साथ योग्यता व वरिष्ठता फार्मूले पर टिके हैं।
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कमेटी की रिपोर्ट पर अब जल्द ही मुख्यमंत्री से चर्चा की जाएगी है। इसके बाद इसे कैबिनेट में लाया जाएगा। शासन को पता है कि वर्ष 2021-22 और 2022-23 में सर्वाधिक रिटायरमेंट होने वाले हैं, क्योंकि ज्यादातर भर्तियां 1983-1984 की हैं। इसीलिए जल्द ही नए नियम बन सकते हैं।
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पिछले करीब पांच साल में 70 हजार अधिकारी-कर्मचारी बिना प्रमोशन के रिटायर हो चुके हैं। कमेटी में सीनियर आईएएस अधिकारी एपी श्रीवास्तव, विनोद कुमार, राजेश राजौरा और मनीष रस्तोगी शामिल हैं। 2016 से चल रहे मामले में कर्मचारियों की याचिका पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अप्रैल 2016 को मप्र लोक सेवा (पदोन्नति) नियम 2002 को खारिज कर दिया था।
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करीब पांच साल से चल रही कवायद
इसके खिलाफ राज्य सरकार की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति रखने का आदेश दिया। इस पर करीब पांच साल से लगातार कवायद चल रही है, लेकिन नतीजों तक प्रयास नहीं पहुंचे। कर्मचारी-अधिकारी लगातार रिटायर होते रहे। इस दौरान राज्य सरकार सशर्त पदोन्नति का मार्ग भी नहीं बना। सामान्य श्रेणी के रिक्त पद पर यदि कोई आरक्षित वर्ग का कर्मचारी-अधिकारी प्रमोशन लेता है तो वह अपनी आने वाली सर्विस में सामान्य श्रेणी के रास्ते ही आगे के प्रमोशन का हकदार होगा। फिर वह दोबारा आरक्षित वर्ग का लाभ नहीं ले पाएगा।
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आरक्षित वर्ग का व्यक्ति अपने सेवाकाल में किसी भी समय प्रमोशन के लिए सामान्य श्रेणी के पद पर जा सकेगा, लेकिन उपरोक्त शर्त भी उसी समय से लागू हो जाएगी। इसमें वरिष्ठता और योग्यता को प्राथमिकता पर रखा गया है। क्लास वन ऑफिसर के मामले में योग्यता सह वरिष्ठता का फाॅर्मूला लागू होगा।
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चार पदों के लिए 12 लोगों पर होगा विचार
इसमें प्रमोशन के लिए क्वालिफाइंग सर्विस पूरी होने पर पांच साल की एसीआर देखी जाएगी। इसके बाद वरिष्ठता का नंबर आएगा। चार पदों के लिए 12 लोगों पर विचार होगा। जिसकी एसीआर आउटस्टैंडिंग होगी और वरिष्ठता में भी वो आगे होगा, उसे तुरंत प्रमोशन मिलेगा। इसी तरह यदि अधिकारी क्लास-टू है तो उस समय फाॅर्मूला बदल जाएगा। योग्यता पीछे हो जाएगी और वरिष्ठता को पहले देखा जाएगा। ऐसे में सिर्फ वरिष्ठता की सूची बनेगी और प्रमोशन हो जाएगा।
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