जशपुर: कहने को तो आज हम इक्कीसवीं सदी के भारत में रह रहे हैं, लेकिन हम आज भी उन दकियानुसी और पुराने नियमों को नहीं भूल पाए हैं। ऐसे ही दकियानुसी नियमों के चलते कई जगहों से सामाजिक बहिष्कार जैसी घटना सामने आती रही है। ऐसा ही एक मामला जशुपर जिले से सामने आया है, जहां बीएसएफ के मेजर और उनके परिवार को इसलिए सामाज से बहिष्कृत कर दिया गया, क्योंकि उनकी पत्नी ने गांव के युवक को मारपीट करने से रोका था। मुख्यधारा में परिवार को शामिल करने की गुहार लगाते लगाते मेजर की सांसें थम गई, लेकिन समाज के ठेकेदारों का दिल नहीं पसीजा। वहीं बीएसएफ के मेजर के अंतिम संस्कार में भी समाज का कोई भी आदमी शामिल नहीं हुआ।
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दरअसल, जशपुर के जुमईकेला निवासी इलियुस खलखो बीएसएफ में मेजर थे। वर्ष 1999 रिटायर होने के बाद उन्हें पता चला कि समाज ने उनके परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया है। मेजर के परिवार को समाज से इसलिए बहिष्कृत किया गया था क्योंकि अधिकारी की पत्नी ने गांव के युवक को मारपीट करने से रोका था।
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मेजर ने सामाजिक बहिष्कार खत्म कर समाज में शामिल करने की मांग की लेकिन उनकी मांग नहीं मानी गई। आखिर में सामाजिक बहिष्कार का दंश झेलते 2019 में रिटायर्ड मेजर की मौत हो गई। मेजर के अंतिम संस्कार में गांव और समाज का कोई व्यक्ति भी शामिल नहीं हुआ। पीड़ित परिवार का आरोप है कि उनको समाज मे शामिल करने एक लाख रुपए की मांग की जा रही है। परिवार अब न्याय की गुहार लगा रहा है। वहीं, स्थानीय लोग और कानूनविद इस पूरी घटना को बेहद शर्मनाक बता रहे हैं । पुलिस का कहना है कि मामले में जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
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