बुरहानपुरः कोरोना संकटकाल में प्रवासी मजदूरों के पलायन की तस्वीरें एक बार फिर देखी जा रही है। गुजरात के सूरत में लॉकडाउन लगने की वजह से मजदूर पैदल ही अपने राज्य उड़ीसा के लिए निकले हैं। इस बीच 400 किलोमीटर की दूरी तय कर मजदूर 9 दिन बाद आज बुरहानपुर पहुंचे। हैरानी की बात ये है कि इन मजदूरों के पास न तो किराए के लिए पैसे हैं और न ही पेट की भूख मिटाने के लिए पैसे हैं।
बता दें कि सभी मजदूर युवा हैं जो सूरत की किसी कंपनी में काम कर रहे थे। लॉकडाउन लगते ही ठेकेदार मजदूरों को मजदूरी दिए बिना ही भाग दिया, जिसके बाद युवा मजदूरों ने अपने-अपने घर के लिए हजारों किलोमीटर का सफर पैदल ही शुरू कर दिया है।
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