शराब ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई करना पड़ सकता है महंगा, हाईकोर्ट ने अवमानना याचिका पर मांगा जवाब | Taking action against liquor contractors may be costly High court seeks response on contempt petition

शराब ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई करना पड़ सकता है महंगा, हाईकोर्ट ने अवमानना याचिका पर मांगा जवाब

शराब ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई करना पड़ सकता है महंगा, हाईकोर्ट ने अवमानना याचिका पर मांगा जवाब

Edited By :  
Modified Date: November 29, 2022 / 07:54 PM IST
,
Published Date: June 2, 2020 7:48 am IST

जबलपुर । शराब ठेकेदारों की याचिका पर सुनवाई करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने प्रदेश के आबकारी आयुक्त और कमर्शियल टैक्स विभाग के प्रमुख सचिव के खिलाफ अदालत की अवमानना का नोटिस जारी किया है। दरअसल पिछली सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट में ये अंडरटेकिंग दी गई थी कि सरकार,शराब ठेकेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं करेगी। बावजूद इसके, शराब दुकानें ना खोलने पर कई ठेकेदारों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करते हुए बैंक गारंटी जब्त करने के नोटिस जारी किए गए हैं।

ये भी पढ़ें- चक्रवाती तूफान ‘निसर्ग’ बढ़ रहा महाराष्ट्र- गुजरात समुद्र तटों की ओ…

ऐसे में हाईकोर्ट ने प्रदेश के आबकारी आयुक्त और कमर्शियल टैक्स विभाग के प्रमुख सचिव के खिलाफ कंटैम्प्ट ऑफ कोर्ट का नोटिस जारी किया है और उनसे पूछा है कि आखिर उन्होने कोर्ट के आदेश की अवमानना क्यों की, जबलपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को ये भी आदेश दिया है कि वो कोर्ट के आगामी आदेश तक शराब ठेकेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं करेगी।

ये भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ में बदला मौसम का मिजाज, गरज-चमक के साथ भारी बारिश के आसार

आज मामले पर सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की ओर से जिरह पेश की जानी थी, लेकिन शराब ठेकेदारों के तर्क पूरे ना हो पाने और वक्त की कमी से हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई कल भी जारी रखने के आदेश दिए हैं। ऐसे में कल फिर हाईकोर्ट में मामले पर सुनवाई की जाएगी। बता दें कि शराब ठेकेदारों ने कोरोना लॉक डाऊन में हुए घाटे का हवाला देकर हाईकोर्ट में ये याचिका दायर की है। शराब ठेकेदारों ने लॉक डाऊन अवधि में हुए नुकसान की भरपाई करने, ठेके के वक्त जमा करवाई गई बिड राशि घटाने या पूरे ठेके नए सिरे से जारी करने की मांग की है। शराब ठेकेदारों ने राज्य सरकार द्वारा आबकारी नीति में किए गए उस संशोधन को भी चुनौती दी है, जिसमें सरकार ने किसी शराब ठेकेदार का लायरेंस रद्द होने पर उसे ब्लैकलिस्ट करने और उसे किसी दूसरे जिले के टेंडर में हिस्सा ना लेने देने का भी प्रावधान किया है।