घुट गई जिंदगियां...गुनहगार कौन...कब तक और किस-किस से ये हकीकत छिपाएंगे? | Suffered lives ... Who are the culprits ... For how long and from whom will they hide this reality?

घुट गई जिंदगियां…गुनहगार कौन…कब तक और किस-किस से ये हकीकत छिपाएंगे?

घुट गई जिंदगियां...गुनहगार कौन...कब तक और किस-किस से ये हकीकत छिपाएंगे?

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:45 PM IST, Published Date : April 19, 2021/6:15 pm IST

भोपाल: सरकार लाख दावे कर ले कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है, लेकिन बार-बार ऑक्सीजन की कमी से होती मौत के मामले इन दावों की हवा निकाल देते हैं। शहडोल मेडिकल अस्पताल में बीते दिनों हुई मौत के लिए भी अस्पलात की अव्यवस्था और ऑक्सीजन की कमी को ही कारण बताया गया। सरकारी तंत्र ने इसे नकारने और छिपाने में उर्जा लगा दी है तो पक्ष-विपक्ष में आरोप-सफाई का सिलसिला शुरू हो चुका है…बड़ा सवाल ये है कि कब तक और किस-किस से ये हकीकत छिपाएंगे और कोई कमी नहीं होने के दावे जमीन पर कब तक असर दिखाएंगे?

Read More: आज ही के दिन भारत ने लॉन्च किया था पहला उपग्रह आर्यभट्ट, पढ़ें 19 अप्रैल का इतिहास

मध्यप्रदेश के शहडोल मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की सप्लाई का प्रेशर कम होने से 12 कोविड मरीजों की मौत हो गई, सभी ICU में भर्ती थे। घटना शनिवार रात 12 बजे की है, ऑक्सीजन कम होते ही मरीज तड़पने लगे। इसके बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया। ऑक्सीजन सिलेंडरों की व्यवस्था के लिए अफरातफरी मच गई। मेडिकल प्रबंधन ऑक्सीजन की सप्लाई का प्रेशर बनाने के लिए सिलेंडरों की व्यवस्था में जुट गया। ऑक्सीजन की कमी वाले 12 मरीजों से पहले मेडिकल कॉलेज में ही कोरोना के 10 और मरीजों की मौत हो गई थी। इस तरह शनिवार को कुल 22 मरीजों की जान गई। बावजूद इसके बेशर्म प्रशासन पूरे मामले की लीपापोती मे जुट गया। जिम्मेदारों के अलग अलग बयान आने लगे। अपर कलेक्टर ने माना की 12 मौतों की वजह ऑक्सीजन सप्लाई थी। लेकिन मेडिकल कॉलेज के डीन और कलेक्टर ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई।

Read More: 35 हजार कोरोना मरीज स्वस्थ हुए, जानिए किस जिले में कितने संक्रमितों ने जीती जंग 

शहडोल की घटना पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर जमकर निशाना साधा। ट्वीट के जरिए कहा कि अब शहडोल में ऑक्सीजन की कमी से मौतों की बेहद दुखद खबर? भोपाल , इंदौर , उज्जैन , सागर , जबलपुर , खंडवा , खरगोन में ऑक्सीजन की कमी से मौतें होने के बाद भी सरकार नहीं जागी? आखिर कब तक प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से यूं ही मौतें होती रहेगी? शिवराज जी आप कब तक ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर झूठे आंकड़े परोसकर, झूठ बोलते रहेंगे, जनता रूपी भगवान रोज दम तोड़ रही है? प्रदेश भर की यही स्थिति है, अधिकांश जगह ऑक्सीजन का भीषण संकट है? रेमडेसिविर इंजेक्शन की भी यही स्थिति है। सिर्फ सरकार के बयानों और आंकड़ों में ही ऑक्सीजन और रेमडेसिविर उपलब्ध है, लेकिन यह अस्पतालों से गायब है? सरकार कागजी बैठकों से निकलकर मैदानी स्थिति संभाले, स्थिति बेहद विकट है। हालांकि शहडोल मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी के चलते हुई 12 मौतों की वजह भाजपा सरकार नहीं मानती। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई है। घटना की जांच करवा रहे हैं।

Read More: 1 मई से 18 साल के अधिक आयु के सभी लोगों को लगेगा कोरोना का वैक्सीन, मोदी सरकार का बड़ा फैसला

दरअसल शहडोल मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन टैंकर न पहुंचने की वजह से शनिवार रात 12 बजे के बाद 12 संक्रमित गंभीर मरीजों ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ना शुर कर दिया। सूबे के जिम्मेदार मंत्री ये दावा करने में जुट गए कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से कोई मौत नहीं हुई। जबकि सच ये है कि ऑक्सीजन टैंकर को शनिवार रात 11 बजे पहुंच जाना था, लेकिन दमोह में वो खराब हो गया। 17 घंटे बाद रविवार शाम 4 बजे ऑक्सीजन टैंकर शहडोल मेडिकल कॉलेज पहुंचा, तब तक 12 से ज्यादा मौतें हो चुकी थी। बावजूद इसके प्रशासन अब भी अपनी नामकामी छिपाने पूरी शिद्दत से जुटा है।

Read More: CM भूपेश बघेल और मंत्री सिंहदेव ने की 11 जिलों की समीक्षा, रेमडेसिविर, ICU और वेंटिलेटर बेड की उपलब्धता की ली जानकारी