CG Ki Baat: रायपुर। गुरुवार को छग में दो बड़े आयोजन हैं। पहला भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर बलौदाबाजार आ रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर आरंग में तीन युवकों की मौत को लेकर रायपुर में मुस्लिम महासभा बुलाई गई है। जाहिर है ये दोनों इवेंट लोकल प्रशासन से लेकर सरकार का टेंशन बढ़ा सकते हैं। ये आयोजन जिलों में कानून व्यवस्था के लिए अग्निपरीक्षा की तरह हैं। सवाल ये है कि क्या ये सरकार को बदनाम करने की कोई नई साजिश का हिस्सा है या फिर प्रदेश में वाकई व्यवस्था पटरी से उतरी है, जिसके खिलाफ समाज अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाना चाहते हैं?
बलौदाबाजार अग्निकांड के बाद प्रभावित स्थल पर शांति व्यवस्था और पुननिर्माण करने में जुटी प्रशासन और पुलिस टीम के लिए अगले कुछ घंटे और चैलेंजिंग हो सकते हैं। वजह है भीम आर्मी प्रमुख और नगीना से फायरब्रांड दलित सांसद चंद्रशेखर आजाद बलौदाबाजार दौरा। आजाद कल बिलाईगढ़ में एक सभा को संबोधित करेंगे साथ ही वो उस लोगों के घर भी पहुंचेंगे जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया है, दावा है कि अग्निकांड में वो लोग शामिल नहीं थे, फिर भी उन्हें पुलिस ने जेल पहुंचा दिया। क्या गुरूवार का दिन फिर से बलौदाबाजार जिला प्रशासन, पुलिस और सरकार की मुश्किल बढ़ाएगा।
इस पर प्रदेश के गृहमंत्री का दावा है कि प्रशासन एक बार धोखा खा चुका है,अब ऐसा नहीं होगा। एक तरफ सतनामी समाज का आक्रोश है तो दूसरी तरफ प्रदेश का मुस्लिम समाज सरकार के खिलाफ लामबंद होता दिख रहा है। छत्तीसगढ़ प्रदेश मुस्लिम समाज ने कल मुस्लिम महासभा करने जा रहा है जिसमें सभी जिलों से मस्जिद, दरगाह, सीरत, उर्स, अंजुमन, मदरसों के प्रमुखों को बुलाया गया है। इस मीटिंग का मक्सद, प्रदेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ कथित अत्याचार, आरोपियों को संरक्षण देने,गौरक्षा की आड़ में हत्या, लूट, उगाही, मॉब लिंचिंग जैसे मुद्दों को उठाना है। इस सभा में बिरनपुर, आरंग, और तिल्दा घटनाक्रम को मुद्दा बनाया जा सकता है।
सरकार के खिलाफ लामबंद होते समाज पर विपक्ष भी तीखा हमला बोल रहा है तो सत्ता पक्ष बचाव की मुद्रा में है। उल्टे विपक्ष को संवेदनशील मसलों पर सियासत ना करने की नसीहत दे रहा है। गिरौदपुरी में धार्मिक प्रतीक चिन्ह को क्षतिग्रस्त किए जाने से नाराज सतनामी समाज के आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा और अग्निकांड ने पहले ही जिला प्रशासन की काफी किरकिरी कराई है। आजाद भारत के इतिहास में किसी राज्य में कलेक्ट्रेट फूंके जाने की घटना के बिरले ही कोई दूसरी मिसाल हों, घटना से सरकार तक हिल गई।
CG Ki Baat: घटना के बाद से अब तक ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए करीब डेढ़ सौ लोग सलाखों के पीछे हैं। कई संदिग्धों पर कार्रवाई की तलवार लटकी है। इस बीच दलित सांसद चंद्रशेखर आजाद की सभा, प्रभावित परिवारों से मुलाकात तो दूसरी तरफ मुस्लिम समाज की नाराजगी प्रशासन और सरकार के सामने डबल चैलेंज देता नजर आ रहा है। सवाल है हिंदू और हिंदुत्व की सियासत में माहिल बीजेपी इस बर इस दोहरी चुनौती से कैसे निपटेगी?