रायपुर: लेमरू एलीफेंट रिजर्व बनाने के फसले पर विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने सीएम भूपेश बघेल की तारीफ की है। इस प्रोजेक्ट के लिए महंत ने सीएम भूपेश बघले की सराहना करते हुए कहा है कि भूपेश सरकार का यह सहासिक फैसला है। लेमरू एलीफेंट रिजर्व देश के लिए मॉडल बनेगा। उन्होंने यह भी कहा है कि इस प्रोजेक्ट से इलाके के वनवासियों को रोजगार से जोडऩे का प्रभावी कार्ययोजना के अलावा पर्यावरण, वन्य जीव संरक्षण, वनवासियों सहित प्रभावित क्षेत्रों को बिना कोई नुकसान पहुंचाए लेमरू हाथी रिजर्व का निर्माण कराया जाएगा।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कैबिनेट ने मंगलवार को हाथियों की सुरक्षा व संवर्धन हेतु वन्य जीवों का प्राकृतिक निवास संरक्षित करने के लिए लंबे समय से बहुप्रतीक्षित मांग को पूरा करते हुए हाथियों के आतंक से प्रभावित क्षेत्रों की आबादी को बचाने के लिए लेमरू हाथी रिजर्व बनाने का जो निर्णय लिया है वह वन्य जीव को संरक्षित करने व प्रभावित क्षेत्र के लोगों को हाथियों के आतंक से राहत देने साहसिक कदम है।
डॉ. महंत ने कहा कि 73 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी जिसे मंगलवार को कैबिनेट में पास कर दिया है। अब छत्तीसगढ़ में लेमरू हाथी रिजर्व का गठन होगा। जो देश में अपने तरह का पहला परियोजना होगा। लेमरू हाथी रिजर्व के निर्माण से जंगली हाथियों द्वारा की जा रही जान-माल व हाथी-मानव द्वंद को रोकने कारगर साबित होगी। साथ ही साथ वन्य जीवों के संरक्षण और जैव विविधता के संवर्धन का दायरा बढ़ेगा। डॉ. महंत ने बताया कि लेमरू हाथी रिजर्व का निर्माण स्पेशल हाइपावर टेक्निकल कमेटी द्वारा प्रदत्त सूचनाओं और सुझाव के आधार पर किया जाएगा। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर अक्टूबर 2007 को भारत सरकार ने 1995.48 वर्ग किलोमीटर वन्य क्षेत्र में लेमरू हाथी निर्माण की अनुमति दी थी। जो जिले के कोरबा, कटघोरा और धरमजगढ़ वनमंडल लेमरू हाथी रिजर्व के अंतर्गत शामिल होगा।
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डॉ. महंत ने कहा कि जिले में लेमरू एलीफेंट रिजर्व के निर्माण से मानव और हाथी के बीच सौहाद्रपूर्ण सहनिवास इस क्षेत्र में पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ावा मिलेगा। डॉ. महंत ने स्पष्ट करते हुए कहा कि हाथी प्रभावित क्षेत्रों में निवासरत 142 गांवों के लोगों को न तो कहीं पुनर्वास किया जाएगा और न ही किसी प्रकार का नई बसाहट तैयार होगी। वनवासियों को उनके वनों के अधिकार से जोड़े रखकर योजना तैयार की गई है। डॉ. महंत ने बताया कि 2012 मेें तात्कालीन केन्द्रीच वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने हाथी अभ्यारण बनाने की स्वीकृति दी थी। लेकिन इस क्षेत्र में उत्खनन करने की योजना बड़े उद्योगपतियों ने बना रखी थी जिसका डटकर वे विरोध करते रहे। अब जाकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, वन मंत्री मो.अकबर सहित मंत्रीमंडल के सदस्यों ने साहसिक निर्णय लेकर लेमरू हाथी अभ्यारण बनाने केबिनेट से मंजूरी दी है। जिसका क्षेत्रवासी स्वागत करते हैं।
राहुल गांधी के दौरे के बाद बनी थी प्रभावी कार्ययोजना
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने 400 किलोमीटर से अधिक सडक़ मार्ग तय करते हुए रामपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कुदमुरा पहुंचकर हाथियों से प्रभावित ग्रामीणों के साथ मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तात्कालीन अध्यक्ष भूपेश बघेल व डॉ. चरणदास महंत के साथ चौपाल लगाकर हाथियों के हमले को रोकने और प्रभावितों को राहत देने को लेकर घंटो ग्रामीणों और विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श किया था। राहुल गांधी के दौरे के बाद भी लेमरू हाथी अभ्यारण बनाने की दिशा में कांग्रेस नेताओं ने प्रयासों में तेजी बनाई रखी। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद विधानभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत व कोरबा सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने इस पर अपना दबाव निरंतर बनाए रखा। जिसके परिनीति यह रही कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने हाथी अभ्यारण बनाने को मंजूरी दी है।