डुमना: जबलपुर एक ऐसे दोराहे पर खड़ा हुआ है, जहां एक तरफ पर्यावरण है तो दूसरी तरफ विकास। केन्द्र सरकार ने जबलपुर के डुमना इलाके में 40 एकड़ जमीन पर स्पोर्ट्स सिटी बनाने का प्लान किया है, जिसके खिलाफ में सेव डुमना कैंपेन शुरु हो गया है। हालांकि जबलपुर के सांसद राकेश सिंह का दावा है कि प्रस्तावित स्पोर्ट्स सिटी से पेड़ कटने की नौबत नहीं आएगी।
हरियाली से भरे, आंखों को सुकून देने वाले डुमना को शहर का ऑक्सीजन टैंक कहा जाता है। इस जंगल में हिरण से लेकर चिड़ियों और तेंदओं का बसेरा है, लेकिन इस जंगल पर खतरा मंडरा रहा है। क्योंकि इसके 40 एकड़ की जमीन पर स्पोर्ट्स सिटी बनाने की योजना है, जिसके लिए कई पेड़ों की बली चढ़ाई जाएगी। ऐसे में यहां के पर्यावरण प्रेमी बेहद परेशान हैं और इसे बचाने के लिए अभियान शुरू कर दिया है। #SaveDumna कैंपेन ट्विटर पर भी ट्रेंड कर रह है। इनकी मांग है कि स्पोर्ट्स सिटी को शहर में कहीं दूसरी जगह शिफ्ट किया जाए।
सोशल मीडिया के अलावा भी, तेज हुए #SaveDumna कैंपेन से, बड़ी संख्या में लोग जुड़ रहे हैं तो कांग्रेस भी स्पोर्ट्स सिटी की जगह को लेकर सवाल खड़े कर रही है। युवक कांग्रेस ने भी डुमना में चिपको आंदोलन शुरु कर दिया है। कांग्रेस का कहना है कि स्पोर्ट्स सिटी का कहीं और किया जाए।
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इधर बढ़ते विरोध के बीच बीजेपी ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें डुमना के बिना पेड़ों वाली जमीन दिखाया गया है, और बताया गया है कि स्पोर्ट्स सिटी से पेड़ों के कटने की नौबत नहीं आएगी।
पेड़ों की कटाई की नौबत नहीं आने की बात मान भी ली जाए, तो भी इसके निर्माण से डुमना के जंगलों के वॉटर शैड और खंदारी जलाशय के कैचमेंट एरिया का पड़ना मुमकिन है। यही वजह है कि जबलपुर को, पर्यावरण और विकास के दोराहे पर माना जा रहा है। जिसमें बीच का रास्ता कैसे निकालेगा ये आने वाला वक्त ही बताएगा।