भोपाल: उपचुनावी जीत हासिल कर अपनी सरकार को स्थायित्व मिलते ही अब सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान पूरी तरह से एक्शन मोड में नजर आना शुरू हो गए हैं। यही वजह है कि कभी वे फिल्म नायक के अनिल कपूर नजर आते हैं, तो कभी एक कड़क प्रशासक के रुप में दिखते हैं। लंबे समय से शिवराज सिंह चौहान को जानने व समझने वाले लोगों के लिए उनकी यह नई कार्यप्रणाली चौंकाती जरुर है।
Read More: मुठभेड़ में ढेर हुआ तीन लोगों की हत्या का मुख्य आरोपी, 5 पुलिसकर्मी भी हुए घायल
मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनका रूद्र अवतार नजर आ रहा है। देश भर में अपनी सॉफ्ट छवि के लिए फेमस शिवराज सिंह के इस एक्शन रोल को लेकर चर्चा चारो और है। मध्य प्रदेश में गुंडों माफियाओ को लेकर शिवराज सिंह चौहान ने जो एक्शन लिया उसके बाद एक सख्त प्रशासक के तौर उनकी इमेज बनकर उभरी है !दरअसल शिवराज सिंह चौहान ऐसे राजनेता बनकर उभर रहे हैं जो प्रदेश में दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद के साथ ही सरदार पटेल की कार्यशैली पर चलते नजर आ रहे हैं।
एक्शन में शिवराज
सड़कों पर उतरकर जनता के बीच सरकार के काम- काज की समीक्षा, प्रदेश भर में गुंडों बदमाशों को लेकर मुहीम चलाकर सख्ती, उपचुनाव से पहले आत्मनिर्भर मप्र का रोडमैप जारी किया। आला अफसरों के साथ ही कमिश्नर, कलेक्टरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर काम शुरू करने के निर्देश दिए। काम नहीं करने वाले कर्मचारियों को लेकर सामान्य प्रशासन विभाग ने कर्मचारियों की CR रिपोर्ट मांगी है।
प्रदेश में चौथी बार सत्ता की कमान संभालने के बाद जिस तरह से उनके द्वारा अपने सचिवालय में लाए अफसरों को तैनात किया गया था, उससे ही उनकी मंशा समझ आना शुरू हो गई थी। हालांकि शिवराज सिंह के इस रूद्र अवतार को कांग्रेस इसे बीजेपी के अंदर मचे घमासान से से जोड़कर देख रही है।
शिवराज सिंह के एक्शन को लेकर प्रशासन में बेचैनी की स्थिति साफ़ देखी जा सकती है। दरअसल इस बार शिवराज सिंह चौहान सुशासन को भी सरकार की प्राथमिकता में रखकर चल रहे हैं। यही वजह है कि वे इस मामले में भी कोई लापरवाही बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है।यही वजह है मुख्यमंत्री के बदले हुए तेवरों का असर अब प्रदेश में दिखना शुरू हो गया है।