सुपेबेड़ा, गरियाबंद। 15 दिन में दूसरी मौत ने सुपेबेड़ा गांव को हिला कर रख दिया है अभी 15 दिन पहले ही किडनी की बीमारी से पूर्व सरपंच पुरंधर पुरैना की मौत हुई थी और अब 60 साल के अकालु मसरा मौत की आगोश में समा गया।
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साल 2005 से अकालु किडनी की बीमारी से जूझ रहा था इलाज के लिए उसने रायपुर समेत ओडिशा के भी कई अस्पतालों में प्रयास किया लेकिन किडनी की बीमारी ठीक नहीं हो पाई और फिर हुई इस मौत ने पूरे गांव को फिर से दहशत में डाल दिया है। क्योंकि गांव के लगभग हर घर से कोई ना कोई इस बीमारी से पीड़ित जरूर है। ऐसे में अकालु की मौत से हर परिवार इसलिए भी डरा है कि कहीं अगली बारी उनके परिवार के किसी सदस्य की तो नहीं।
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एक-एक कर मर रहे सुपेबेड़ा के लोग पिछली सरकार के बाद इस सरकार से भी कई बार गुहार लगा चुके हैं मगर मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। यहां बीते 15 दिनों में हुई दूसरी मौत ने सभी को एक बार फिर इस बारे में सोचने को विवश कर दिया है कि आखिर मौतों का सिलसिला थम क्यों नहीं रहा। 2 अक्टूबर को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सुपेबेड़ा पहुंचे थे। ग्रामीणों को गांव में डॉक्टर की सौगात देकर गए थे मगर उनकी घोषणा पूरी हो पाती उसके पहले एक और जान चली गई।
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