भोपाल: प्रदेश में सत्ता पलट होने के बाद भाजपा नेताओं के तारे गर्दिश में नजर आ रहे हैं। भाजपा विधायक की विधानसभा की सदस्यता का मामला अभी शांत हुआ नहीं कि मुंगावली एसडीएम ने गुना सांसद केपी यादव और उनके बेटे का जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिया है। जाति प्रमाण पत्र रद्द होने के बाद सांसद केपी यादव की मुसीबतें बढ़ सकती है। जाति प्रमाण पत्र रद्द होने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग होने लगी है। वहीे, आरोपी साबित होने पर केपी यादव को 7 साल की सजा हो सकती है।
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दरअसल 2019 लोकसभा चुनाव के चुनावी मैदान में कांग्रेस के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराकर चर्चा में आए केपी यादव की मुसीबतें बढ़ सकती है। मुंगावली एसडीएम ने केपी यादव और उनक बेटे का जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिया है। मामले में मुंगावली से कांग्रेस विधायक बृजेंद्र सिंह यादव शिकायत की करते हुए कहा था कि केपी यादव ने साल 2014 में दिसंबर माह में पिछड़ा वर्ग का जाति प्रमाण पत्र हासिल किया था। वहीं, उनके बेटे ने साल 2019 जुलाई में जाति प्रमाण पत्र हासिल किया था। बृजेंद्र सिंह ने अपने शिकायत में यह भी कहा था कि केपी यादव ने अपने शपथ पत्र में 5 लाख रुपए से कम दर्शाया है, जबकि उनकी वास्तविक आय से कहीं ज्यादा है। उन्होंने अपनी आय 8 लाख रुपए कम दिखाई थी।
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साल 2014 में डॉ केपी यादव ने इसी जाति प्रमाण पत्र और शपथ पत्र के आधार पर अपने बेटे को क्रीमिलियर से बाहर छात्रवृत्ति एवं आरक्षण का लाभ दिलवाया था।
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