'शराब के खिलाफ साध्वी’, उमा के विरोध के बाद ही सरकार को रद्द करना पड़ा था नई शराब दुकानें खोलने का प्रस्ताव | 'Sadhvi against liquor', the government had to cancel the proposal to open new liquor shops only after Uma protested

‘शराब के खिलाफ साध्वी’, उमा के विरोध के बाद ही सरकार को रद्द करना पड़ा था नई शराब दुकानें खोलने का प्रस्ताव

'शराब के खिलाफ साध्वी’, उमा के विरोध के बाद ही सरकार को रद्द करना पड़ा था नई शराब दुकानें खोलने का प्रस्ताव

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:33 PM IST
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Published Date: February 4, 2021 5:22 pm IST

भोपालः भाजपा की फायरब्रांड नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने ऐलान कर दिया है कि वो प्रदेश में अगले महीने 8 मार्च से शराबबंदी अभियान चलाने वाली हैं। पहले उमा भारती ने इस बावत ट्वीट किया कि शराबबंदी अभियान को लेकर तैयारी जारी है और अब उमा भारती ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अभियान चलाने को लेकर जानकारी दी है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है, तो भाजपा ने कहा कि कांग्रेस मुद्दे पर भ्रम फैला रही है। कुल मिलाकर शराबबंदी का मुद्दा प्रदेश की सियासत के केंद्र में है और इस बहाने सियासी वार-पलटवार जारी है।

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नई शराब नीति लाने की तैयारियों में जुटी शिवराज सरकार को पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने फिर घेर लिया है। उमा के विरोध के बाद ही सरकार को नई शराब दुकानें खोलने का प्रस्ताव रद्द करना पड़ा था। अब एक कदम और आगे बढ़ाते हुए साध्वी ने अगले महीने की 8 मार्च से प्रदेश में शराबबंदी अभियान छेड़ने का ऐलान कर दिया है। उमा भारती ने शराब बंदी अभियान की जानकारी खुद ट्वीट करके दी।

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उमा भारती ने ट्वीट कर लिखा है कि शराब और नशा मुक्ति अभियान के लिए मुझे मेरी सहयोगी मिल गई है। खुशबू नाम की यह युवती मध्यप्रदेश की है तथा वह उत्तराखंड़ में मेरे गंगा प्रवास में शामिल होने आई थीं। मैंने उसमें निष्ठा एवं साहस दोनों देखे, तभी उसका नाम गंगा भारती हो गया था। मैंने गंगा को 8 मार्च 2021 को महिला दिवस पर शराब एवं नशामुक्ति अभियान प्रारम्भ करने की तैयारी करने के लिए कहा है। आगे का विवरण वह स्वयं आप सबको 5 दिन बाद बताएंगी।

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उमा के पार्टी लाइन के विपरीत उठ रहे कदमों ने पार्टी और सरकार दोनों को चिंता में डाल दिया है। केवल शराबबंदी ही नहीं कई मोर्चो पर उमा भारती की सक्रियता ने बीजेपी को मुश्किल में डाल दिया है। दरअसल मध्य प्रदेश में पिछले 17 साल से राजनीतिक वनवास झेल रही उमा भारती ज्योतिरादित्य सिंधिया के आने के बाद ज्यादा सक्रिय हुई है। उनके निशाने पर प्रदेश की बीजेपी सरकार है। कई मामलों में सोशल मीडिया पर सरकार की घेराबंदी बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी कर रही है। उमा भारती के बहाने सरकार की घेराबंदी का कांग्रेस को मौका मिल गया है, तो सत्ता पक्ष कांग्रेस को इस मुद्दे पर राजनीती न करने की सलाह दे रही है।

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बीजेपी की फायरब्रांड नेता उमा भारती लंबे समय बाद एमपी की राजनीति में सक्रिय हो रही हैं। करीब दो दशक बाद एमपी की सियासत में साध्वी की वापसी कई नेताओं के लिए खतरा भी है। उमा भारती की प्रदेश में सक्रियता को एक बार फिर मध्यप्रदेश में उमा युग की वापसी के तौर पर भी देखा जा रहा है। ऐसे में उमा भारती की सक्रियता क्या गुल खिलाएगी राजनितिक पंडितो की नजर इसी पर है।

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