नस्ल सुधार कार्यक्रम से जुड़ेंगी ग्रामीण महिलाएं, कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता का दिया जाएगा प्रशिक्षण | Rural women to join breed improvement program, training of artificial insemination worker will be given

नस्ल सुधार कार्यक्रम से जुड़ेंगी ग्रामीण महिलाएं, कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता का दिया जाएगा प्रशिक्षण

नस्ल सुधार कार्यक्रम से जुड़ेंगी ग्रामीण महिलाएं, कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता का दिया जाएगा प्रशिक्षण

Edited By :  
Modified Date: November 29, 2022 / 07:48 PM IST
,
Published Date: February 25, 2020 10:30 am IST

रायपुर। ग्रामीण महिलाएं जल्द ही उन्नत पशु नस्ल सुधार कार्यक्रम से जुड़ेंगी। कृषि उत्पादन आयुक्त मती मनिन्दर कौर द्विवेदी की प्रेरणा से कांकेर, राजनांदगांव, गरियाबंद जिले की महिला समूहों ने उन्नत पशु नस्ल सुधार प्रशिक्षण में शामिल होने की सहमति व्यक्त की। प्रदेश में नस्ल सुधार कार्यक्रम के तहत राज्य की महिलाओं को पहली बार बहुदेशीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता (मैत्री) का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि महिलायें राजधानी रायपुर में आयोजित राष्ट्रीय कृषि मेला में बकरी पालन और मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण लेने आई थीं।

पढ़ें- सतरेंगा की सुंदर पहाड़ियों के बीच होगी कैबिनेट की बैठक, पर्यटन को ब…

कृषि उत्पादन आयुक्त मति मनिंदर कौर द्विवेदी से हुई चर्चा के दौरान इन महिलाओं ने पशुपालन और उन्नत नस्ल सुधार कार्यक्रम में दिलचस्पी दिखाई। महिलाओं की रूचि को देखते हुए कृषि उत्पादक आयुक्त ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को आगामी अप्रैल माह में इन महिलाओं को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए है। चर्चा में महिलाओं ने बताया कि राष्ट्रीय कृषि मेले में आने से कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में नई तकनीकों की जानकारी मिली। यहां उन्हें बकरी पालन और मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण विशेषज्ञों द्वारा दिया गया है।
कृषि उत्पादन आयुक्त डाॅ. मनिन्दर कौर द्विवेदी ने समूह की महिलाओं को पशु पालन विभाग द्वारा संचालित मैत्री प्रशिक्षण से जुडकर उन्नत पशु नस्ल सुधार के टिकाकरण कार्यक्रम, पशुओं का प्राथमिक उपचार, पशुधन बीमा सहित विभाग के योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने को उत्साहित किया।

पढ़ें- पोल्ट्री के माध्यम से कोरोना वायरस फैलने की अफवाह पर अधिसूचना जारी….

पशुधन विकास विभाग के सी.ई.वो. शंकर लाल उइके ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में पशु चिकित्सको की उपलब्धता कम है। इस कमी को पूरा करने बहुदेशीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता (मैत्री) के माध्यम से पुरा करने के लिए स्वेच्छा के कार्य करने वाली महिलाओं को तीन माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह एक माह का लैब प्रशिक्षण एवं दो माह का फिल्ड प्रशिक्षण दिया जाएगा।

पढ़ें- सरगुजा मेडिकल कॉलेज अब राजमाता के नाम से जाना जाएगा, सीएम बघेल ने क…

उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त महिलाओं को ग्राम में पशु नस्ल सुधार के उपकरण निःशुल्क दिए जाएंगे। प्रशिक्षित महिलाओं को प्रोत्साहन राशि विभाग द्वारा दी जाएगी। प्रशिक्षित महिलाओं को बहुउदेशीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता (मैत्री) के रूप में काम करना होगा। कृत्रिम गर्भाधान में उन्नत नस्ल के साहीवाल, गीर, थारपारकर, रेडसिन्दी, जर्सी, एच.एफ. उन्नत नस्ल के सीमन्स (बीज) से गांव की गाय गर्भाधान कराया जाता है। कृत्रिम गर्भाधान से उत्पन्न बछिया में अपने मां की तुलना में दूध देने की क्षमता बढ़ जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में दुध की उपलब्धता बढ़ने से एक ओर जहां किसानों की आय बढ़ेगी वहीं बच्चों के कुपोषण दूर करने के लिए ही मदद मिलेगी।

 
Flowers